सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव वीरेन्द्र प्रसाद यादव की ओर से जारी संकल्प ( 18942 दिनांक : 13 दिसंबर) के अनुसार मोतिहारी का जिलाधिकारी रहते नर्मदेश्वर लाल पर काम में लापरवाही व शिथिलता बरतने तथा काम का अपेक्षित पर्यवेक्षण व अनुर्शवण नहीं करने का आरोप था. इस आरोप के विरुद्ध में उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई 2012 में शुरू हुई. जांच पदाधिकारी राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य बनाये गये थे. इस जांच का उप पदास्थापन पदाधिकारी राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक को बनाया गया था. जांच पदाधिकारी ने 30 अगस्त 2013 को अपना जांच प्रतिवेदन सरकार को सौंप दिया. जांच प्रतिवेदन के अनुसार जांच पदाधिकारी श्री लाल पर लगे आरोपों को प्रमाणित नहीं कर पाये. संकल्प के अनुसार जांच प्रतिवेदन पर विचार करते हुए राज्य सरकार ने श्री लाल को आरोप मुक्त करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई बंद करने का निर्णय लिया. इस मामले में श्री लाल ने कहा कि सारे आरोप जबरदस्ती के थे. यह सिर्फ प्रतिष्ठा हनन के उद्देश्य से लगाये गये थे. जिलाधिकारी पर कोई आरोप ही नहीं बनता था. प्रथम दृष्टया आरोप तो सिविल सर्जन पर लगना चाहिए था. लेकिन उन पर कोई आरोप ही नहीं लगा.