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बिहार को विशेष दर्जा नहीं, 'विशेष दर्जी' की जरूरत - जयराम


केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि बिहार को विशेष दर्जा नहीं, बल्कि 'विशेष दर्जी' की जरूरत है। यह 'विशेष दर्जी' कांग्रेस से ही निकलेगा। वैसे, उन्होंने रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट का समर्थन किया और कहा कि इसके तहत विशेष वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए। लेकिन, जरूरत इससे भी अधिक इस बात की है कि बिहार अपनी प्रशासनिक क्षमता बेहतर कर केंद्र से मिलने वाली राशि का अधिक से अधिक उपयोग करे। जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) का यहां 'कवरेज कम, लीकेज ज्यादा' है।
प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं की उपस्थिति में रविवार को संवाददाता सम्मेलन में रमेश ने जहां केंद्रीय राशि खर्च नहीं करने को ले नीतीश सरकार की आलोचना की, वहीं यह कहकर जदयू पर एक प्रकार से पांसा फेंका कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत बिहार को अधिक तरजीह मिलेगी। सालाना 28 लाख टन की जगह दोगुना 56 लाख टन अनाज मिलेगा। फूड सब्सिडी सालाना 5,500 करोड़ से बढ़कर 11,550 करोड़ हो जाएगी। अतिरिक्त राशि संबंधी राज्य सरकार की मांग पर बोले कि इस पर भी विचार किया जा रहा है। फिर यह कह आलोचना की कि विभिन्न केंद्रीय योजनाओं की राशि यहां खर्च नहीं हो पा रही है। मनरेगा में बिहार, ओडिशा और झारखंड मिलकर उतनी राशि नहीं ले रहे जितनी अकेले आंध्रप्रदेश खर्च कर रहा है। बिहार को मनरेगा में कम से कम 8,000 करोड़ सालाना खर्च करने चाहिए जबकि अभी यह आंकड़ा बस करीब 2,000 करोड़ का है।
राजनीतिक प्रश्नों को हालांकि जयराम टाल गए। लालू प्रसाद यूपीए का हिस्सा बने रहेंगे? इस अहम सवाल के जवाब के लिए उन्होंने साथ बैठे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी की ओर इशारा कर कहा कि वह इसका बेहतर जवाब देंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से नहीं, बल्कि आरएसएस से है। आरएसएस चाबी घुमाती है, और भाजपा नाचती है। उत्तरप्रदेश में अमित शाह को कैप्टन बना जो राजनीति शुरू की है, उसका ताजा उदाहरण मुजफ्फरनगर है। अब इनका प्रयास बिहार में सांप्रदायिक तनाव बनाने और उस तनाव को कायम रखने का है। भाजपा समाज का घ्रुवीकरण चाहती है। विकास उसका बस मुखौटा है, असली चेहरा सांप्रदायिकता है। वैसे कांग्रेस के मुकाबिल भाजपा मात्र छह-सात राज्यों में ही है। शेष राज्यों में कांग्रेस के सामने क्षेत्रीय दल हैं।
रमेश ने कहा कि यूपीए सरकार ने जनता के हित को ध्यान में रख खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण के लिए कानून बनाया है। यह मील का पत्थर साबित होंगे। संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह, अखिलेश सिंह, अशोक राम, विजयशंकर दुबे, मदन मोहन झा, प्रेमचंद्र मिश्रा, सरवत जहां फातमी, विनोद शर्मा, राजेश सिन्हा, अजीत कुमार शुक्ला आदि भी मौजूद थे।