उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को 2014 में होने वाले आम चुनावों में मतदाताओं को ईवीएम से मतदान की पर्ची देने की योजना चरणबद्ध तरीके से लागू करने का मंगलवार को निर्देश देते हुए कहा कि इससे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित होगा।
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को भी निर्देश दिया कि वह वोट वेरिफायर पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) प्रणाली लागू करने के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराए।
मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने कहा, ‘ईवीएम में वीवीपीएटी लगाने से ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’ चुनाव सुनिश्चित होंगे और ‘विवादों का निपटारा’ करने में मदद मिलेगी।’ अदालत ने यह आदेश भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका पर दिया है जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह ईवीएम में वीपीपीएटी लगाना और हर वोटर को रसीद जारी करना सुनिश्चित करे।
इससे पहले चुनाव आयोग ने अदालत को बताया था कि नगालैंड में इस वर्ष फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान 21 मतदान केंद्रों पर वीपीपीएटी का सफल और संतोषजनक इस्तेमाल किया गया था।
आयोग ने खंडपीठ को यह भी बताया था कि वीवीपीएटी को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है और उसने इसके लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय कारणों का हवाला दिया था। उसने कहा था कि आम चुनावों के लिए 13 लाख वीवीपीएटी मशीनों की जरूरत होगी।