बिहार की राजधानी पटना में प्याज 100 रुपये प्रति किलो के भाव को छू चुका है तो वहीं देश की राजधानी दिल्ली में प्याज की कीमतें भी 90 रुपये से अधिक हो चुकी हैं. जबकि कुछ इलाकों में इसकी कीमत 100 के पार जा चुकी है. देश के तमाम हिस्सों में प्याज की कीमत सातवें आसमान पर है. ये पहला मौका है जब प्याज के भाव ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ऐसे में 'बिन प्याज थाली सून' की एक नई कहावत बनती नजर आ रही है.
वहीं, केंद्र सरकार का इस मुद्दे को लेकर दोहरा रवैया सामने आ रहा है. वाणिज्य मंत्री कहते हैं कि देश में बहुत प्याज है, जमाखोरों की वजह से सारी समस्या हुई है. राज्य सरकारों को इसपर लगाम लगानी चाहिए. वहीं, खाद्य मंत्री वी के थामस कहते हैं कि प्याज का निर्यात जारी रहेगा. इसे रोका नहीं जा सकता. हां, जरूरत पड़ी तो प्याज को आयात किया जा सकता है.
पटना में मंगलवार सुबह तक जो प्याज 90 रुपये किलो तक मिल रहा था वो शाम होते-होते 100 रुपये तक पहुंच गया. पटना की सबसे बड़ी मंडी मीठापुर में प्याज के थोक विक्रेताओं के मुताबिक, अच्छे प्याज की कीमत मंगलवार को 75 से 85 रुपये तक गई है, जिसकी वजह से खुदरा बाजार में ये 100 रुपये तक पहुंच गया है.
प्याज व्यवसायियों के मुताबिक, मौसम की मार की वजह से प्याज इस हालत में पहुंच गया है. जबकि नासिक से आने वाला प्याज अभी तक पहुंच नहीं सका है. इसके अलावा कालाबाजारी ने भी प्याज की कीमतों पर पेट्रोल छिड़का है. मंडी व्यवसायी प्रवेश कुमार के मुताबिक, मंडी में अच्छे प्याज की कीमत 100 रुपये हो चुकी है.
राज्य सरकारों पर मढ़ा दोष
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने इस मसले पर कहा, ‘देश में प्याज का काफी भंडार है. राज्य सरकारों को जमाखोरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, जिसके कारण इसकी कृत्रिम कमी हुई है और कीमत में जबर्दस्त तेजी आई है.' शर्मा ने कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी या संकट से निपटने के लिये प्रस्ताव आता है तो हम प्याज का आयात करेंगे.’
निर्यात जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो आयात कर सकते हैं: खाद्य मंत्री
इस मुद्दे पर कृषि मंत्री शरद पवार से चर्चा के बाद खाद्य मंत्री के वी थामस ने कहा कि निर्यात को प्रतिबंधित करने की कोई योजना नहीं है. थामस ने कहा, ‘हम मिस्र, चीन तथा पाकिस्तान से तत्काल प्याज के आयात पर विचार कर रहे हैं. पवार पहले ही नाफेड को आयात की संभावना पर विचार करने का निर्देश दे चुके हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात तथा राजस्थान जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेमौसमी बारिश से प्याज के दाम में तेजी आई है.
थामस ने बताया, ‘मैंने प्याज के मुद्दे पर कृषि मंत्री से चर्चा की है. खरीफ फसल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक बाजार में आ जानी चाहिए थी, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण ऐसा नहीं हो पाया.’ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगी, खाद्य मंत्री ने कहा, ‘हम पहले ही न्यूनतम निर्यात मूल्य बढ़ा चुके हैं. अगर आप प्रतिबंध लगाते हैं, राजनीतिक रूप से यह सही होगा, लेकिन आर्थिक रूप से नहीं, क्योंकि कोई भी देश हम पर विश्वास नहीं करेगा.’
आने वाले दिन और मुश्किल भरे
प्याज में आई ये तेजी अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही बनी रहने की भविष्यवाणी की जा रही है. समझा जा रहा है कि प्याज की नई फसल आने तक भाव इसी तरह आसमान छूते रहेंगे.