खुद को अविवाहित बता एक युवती से शादी रचाना चांदन थाने में पूर्व में पदस्थापित अवर निरीक्षक रामसकल दास को महंगा पड़ा। पटना हाई कोर्ट ने दरोगा के साथ उक्त युवती व उसकी बच्चियों का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया है। दरोगा मूल रूप से भागलपुर का निवासी है।
फुल्लीडुमर की पार्वती देवी उर्फ गंगीया देवी द्वारा दायर परिवाद के अनुसार वर्ष 2010 में अभियुक्त रामसकल दास ने खुद को अविवाहित बताकर पार्वती देवी से शादी रचा ली। शादी बाद वह कई बार उसके घर गया। उसे अपने साथ कई जगहों पर रखा। इस बीच दो पुत्री भी हुई। बाद में महिला को पता चला कि वह पूर्व से शादीशुदा है और कई बच्चों का पिता भी है। महिला ने जब इसका विरोध किया तो दरोगा ने उसे जमीन खरीद कर दी। इसमें पति का नाम रामसकल दास ही लिखवाया। कुछ दिनों बाद वह उसे खाना-कपड़ा देने में आनाकानी कर मारपीट भी करने लगा। तब महिला ने अनुमंडल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां परिवार दायर कर दरोगा पर शादी कर अब साथ रखने से मुकरने संबंधी आरोप लगाया। इस वाद पर संज्ञान लेने के बाद अभियुक्त रामसकल दास ने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल किया। कोर्ट में मौजूदगी के वक्त रामसकल दास उक्त महिला को पत्नी मानने से इंकार करता रहा। जबकि महिला रामसकल दास को ही अपनी दोनों बेटियों का पिता बताती रही। इस पर उच्च न्यायालय ने अनुमंडल न्यायालय को दोनों पक्षों व दोनों बच्चियों का डीएनए टेस्ट कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए दोनों पक्ष न्यायालय में उपस्थित भी हो चुके हैं। 28 सितंबर को भी दोनों पक्षों को न्यायालय में उपस्थित होना है। डीएनए टेस्ट का पूरा खर्च आरोपी रामसकल दास को ही उठाना है।