आईपीएल का स्पॉट फिक्सिंग विवाद अभी गर्म ही है और इसी बीच बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट टीम दोनों को जोरदार
झटका लगा है. आईपीएल की पुणे वॉरियर्स टीम के मालिक सहारा ने आईपीएल से
बाहर होने का
फैसला किया है. यही नहीं सहारा ने टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप छोड़ने का भी ऐलान किया है.
हालांकि सहारा ने इसके पीछे फीस विवाद को वजह बताया है लेकिन कहीं ना कहीं इसपर स्पॉट फिक्सिंग का साया जरूर नजर आता है.
गौरतलब है कि पुणे की टीम का आईपीएल में यह दूसरा साल है. सहारा ने 2010 में पुणे की टीम को 1700 करोड़ रुपये में खरीदा था. एक विज्ञप्ति जारी कर सहारा ने आरोप लगाया कि 2010 में बीसीसीआई ने 94 मैचों के नाम पर ज्यादा पैसे वसूले जबकि पुणे और कोच्चि की टीमों को केवल 64 मैच ही खेलने को मिले.
उस वक्त भी पुणे और कोच्चि के मालिकों ने इस मामले में विरोध जताया था और नीलामी की कीमत कम करने को कहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हमने इंतजार किया यह सोचकर कि बीसीसीआई में कोई खेल भावना होगी लेकिन बीसीसीआई को केवल पैसों की फिक्र है. जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो हमने फरवरी 2012 में आईपीएल से बाहर होने की घोषणा की थी. तब बीसीसीआई ने हमसे संपर्क किया और आईपीएल नहीं छोड़ने को कहा.
टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप पर सहारा ने कहा है कि उसकी वजह से खिलाड़ियों का हित प्रभावित नहीं होना चाहिए इसलिए उसने बीसीसीआई को जनवरी 2014 तक की मोहलत दी है. गौरतलब है कि टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप के लिए बीसीसीआई और सहारा के बीच दिसंबर 2013 तक का अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) है और फिलहाल सहारा ने इस अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.
फैसला किया है. यही नहीं सहारा ने टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप छोड़ने का भी ऐलान किया है.
हालांकि सहारा ने इसके पीछे फीस विवाद को वजह बताया है लेकिन कहीं ना कहीं इसपर स्पॉट फिक्सिंग का साया जरूर नजर आता है.
गौरतलब है कि पुणे की टीम का आईपीएल में यह दूसरा साल है. सहारा ने 2010 में पुणे की टीम को 1700 करोड़ रुपये में खरीदा था. एक विज्ञप्ति जारी कर सहारा ने आरोप लगाया कि 2010 में बीसीसीआई ने 94 मैचों के नाम पर ज्यादा पैसे वसूले जबकि पुणे और कोच्चि की टीमों को केवल 64 मैच ही खेलने को मिले.
उस वक्त भी पुणे और कोच्चि के मालिकों ने इस मामले में विरोध जताया था और नीलामी की कीमत कम करने को कहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हमने इंतजार किया यह सोचकर कि बीसीसीआई में कोई खेल भावना होगी लेकिन बीसीसीआई को केवल पैसों की फिक्र है. जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो हमने फरवरी 2012 में आईपीएल से बाहर होने की घोषणा की थी. तब बीसीसीआई ने हमसे संपर्क किया और आईपीएल नहीं छोड़ने को कहा.
टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप पर सहारा ने कहा है कि उसकी वजह से खिलाड़ियों का हित प्रभावित नहीं होना चाहिए इसलिए उसने बीसीसीआई को जनवरी 2014 तक की मोहलत दी है. गौरतलब है कि टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप के लिए बीसीसीआई और सहारा के बीच दिसंबर 2013 तक का अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) है और फिलहाल सहारा ने इस अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.