देर से ही सही आखिरकार 10 मई शुक्रवार रात के 9 बजे रेल मंत्री पवन बंसल के साथ–साथ अश्विनी कुमार का भी इस्तीफा
हो गया। ये दोनों नेता करीब साढ़े 8 बजे प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे थे।
बाहर निकलकर बंसल ने साफ कर दिया कि उन्होंने पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि अश्विनी कुमार के इस्तीफे की पुष्टि होना अभी बाकी है। जबकि प्रधानमंत्री से मिलकर लौटते समय रेल मंत्री पवन बंसल की तरह ही कानून मंत्री अश्विनी कुमार की गाड़ी की भी लाल बत्ती बुझी हुई थी |
बंसल ने दी बकरे की बलि
खबर है कि पवन बंसल ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए शुक्रवार को ही एक बकरे की भी बलि दी है | फिर भी उनकी कुर्सी नहीं बच सकी | वहीं कई लोगों का मानना है कि बकरे की बलि के कारण ही गयी बंसल की कुर्सी |
बाहर निकलकर बंसल ने साफ कर दिया कि उन्होंने पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि अश्विनी कुमार के इस्तीफे की पुष्टि होना अभी बाकी है। जबकि प्रधानमंत्री से मिलकर लौटते समय रेल मंत्री पवन बंसल की तरह ही कानून मंत्री अश्विनी कुमार की गाड़ी की भी लाल बत्ती बुझी हुई थी |
बंसल ने दी बकरे की बलि
खबर है कि पवन बंसल ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए शुक्रवार को ही एक बकरे की भी बलि दी है | फिर भी उनकी कुर्सी नहीं बच सकी | वहीं कई लोगों का मानना है कि बकरे की बलि के कारण ही गयी बंसल की कुर्सी |