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बिहार और पंजाब की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया

पुलिस द्वारा बिहार में रेग्युलर करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कॉन्ट्रैक्ट टीचरों पर लाठीचार्ज और पंजाब के तरनतारन में एक लड़की की बेरहमी से पिटाई की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के आचरण पर दोनों राज्यों से स्पष्टीकरण मांगा है।
जस्टिस जी. एस. सिंघवी और जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की बेंच ने इन दोनों घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए पंजाब और बिहार सरकार से सोमवार तक जवाब मांगा है। इस मामले में कोर्ट 11 मार्च को आगे विचार करेगा। जजों ने अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती और सीनियर वकील हरीश साल्वे से इस मामले में कोर्ट की मदद का अनुरोध किया है। हालांकि पंजाब पुलिस ने इस बीच लीपापोती की कोशिश करते हुए इस पूरे मामले के लिए लड़की और उसके परिवार को ही दोषी ठहरा दिया है। पुलिस के मुताबिक लड़की गाली दे रही थी। इसलिए यह पूरी घटना घटी।
गौरतलब है कि बिहार की राजधानी पटना में विधानसभा के बाहर पुलिस ने कॉन्ट्रैक्ट टीचरों खूब लाठियां चलाईं। आंसू गैस के गोले छोड़े और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। सबसे शर्मानाक बात यह रही की शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं को भी पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर मारा। सैकड़ों महिलाएं घायल हो गईं। कॉन्ट्रैक्ट टीचर नौकरी नियमित करने और पैसा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर ये लोग कई दिनों से राजधानी पटना में धरना पर बैठे थे।
इसके पहले सोमवार को पंजाब पुलिस का बर्बर और शर्मनाक चेहरा सामने आया था। तरनतारन में छेड़छाड़ की शिकायत करने पहुंचे बाप-बेटी को पुलिसकर्मियों ने रोड पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। और बाद में मीडिया में मामला उछलने के बाद पुलिसकर्मी पीड़ित लड़की पर पैसे लेकर केस को रफा-दफा करने का दबाव डालने लगे हैं। इस घटना का विडियो भी सामने आया था। संसद में भी यह मामला उछला था।