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पूर्णिया के खेतों में भी लहलहा रही अफीम की फसल

 भागलपुर जिले के घोघा और नवगछिया पुलिस जिला के इस्माइलपुर के बाद अब पूर्णिया के खेतों में प्रतिबंधित अफीम की फसल लहलहाने का मामला प्रकाश में आ रहा है |  जहां जिले के बड़हरा कोठी प्रखंड के
एक दर्जन स्थानों पर खुलेआम अफीम की खेती की गई है। पुलिस एवं उत्पाद विभाग भी इस पूरे मामले से अंजान बना हुआ है।
अफीम की खेती का किसी को पता नहीं चले, इसके लिए सरसों, मूली एवं मकई के खेतों के बीच इसे लगाया है ताकि आसानी से किसी की नजर फसल पर नहीं पड़े। बताया जाता है कि अफीम की खेती करने वालों के तार सीमा पार नेपाल व बांग्लादेश से जुड़े हैं। यहां तैयार अफीम भी इन्हीं देशों में भेजी जाती है। पूर्णिया के एसपी अमित लोढ़ा ने कहा कि उन्हें अफीम की खेती कहीं किए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अगर कहीं से इस तरह का मामला सामने आता है तो तत्काल इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बड़हरा कोठी प्रखंड के वंशी टोला वासुदेवपुर में एक निजी विद्यालय के पीछे की खेतों में अफीम की लहलहाती फसल आसानी से देखी जा सकती है। सबसे हैरत की बात तो यह है कि अफीम की यह खेती सड़क के किनारे की गई है और वहां से बड़हरा कोठी थाने की दूरी महज दो किलोमीटर है। इस इलाके के बालूटोल, कसमरा, चिकनी, पटराहा एवं हल्दीबाड़ी के बहियार में अफीम की लहलहाती फसल देखी जा सकती है। धमदाहा थाना क्षेत्र के दमगड़ा में भी 14 फरवरी को पुलिस ने छह कंट्टे में लगी अफीम की फसल पकड़ी थी। पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी किया था। यहां भी अफीम की खेती मुख्य मार्ग के किनारे ही की जा रही थी।
- See more at: http://www.jagran.com/bihar/purnea-10175238.html#sthash.HteQe3ad.dpufणिया की खेतों में अफीम की फसल लहलहा रही है। जिले के बड़हरा कोठी प्रखंड के एक दर्जन स्थानों पर खुलेआम अफीम की खेती की गई है। पुलिस एवं उत्पाद विभाग भी इस पूरे मामले से अंजान बना हुआ है। अफीम की खेती का किसी को पता नहीं चले, इसके लिए सरसों, मूली एवं मकई के खेतों के बीच इसे लगाया है ताकि आसानी से किसी की नजर फसल पर नहीं पड़े। बताया जाता है कि अफीम की खेती करने वालों के तार सीमा पार नेपाल व बांग्लादेश से जुड़े हैं। यहां तैयार अफीम भी इन्हीं देशों में भेजी जाती है। पूर्णिया के एसपी अमित लोढ़ा ने कहा कि उन्हें अफीम की खेती कहीं किए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अगर कहीं से इस तरह का मामला सामने आता है तो तत्काल इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बड़हरा कोठी प्रखंड के वंशी टोला वासुदेवपुर में एक निजी विद्यालय के पीछे की खेतों में अफीम की लहलहाती फसल आसानी से देखी जा सकती है। सबसे हैरत की बात तो यह है कि अफीम की यह खेती सड़क के किनारे की गई है और वहां से बड़हरा कोठी थाने की दूरी महज दो किलोमीटर है। इस इलाके के बालूटोल, कसमरा, चिकनी, पटराहा एवं हल्दीबाड़ी के बहियार में अफीम की लहलहाती फसल देखी जा सकती है। धमदाहा थाना क्षेत्र के दमगड़ा में भी 14 फरवरी को पुलिस ने छह कंट्टे में लगी अफीम की फसल पकड़ी थी। पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी किया था। यहां भी अफीम की खेती मुख्य मार्ग के किनारे ही की जा रही थी।
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पूर्णिया की खेतों में अफीम की फसल लहलहा रही है। जिले के बड़हरा कोठी प्रखंड के एक दर्जन स्थानों पर खुलेआम अफीम की खेती की गई है। पुलिस एवं उत्पाद विभाग भी इस पूरे मामले से अंजान बना हुआ है। अफीम की खेती का किसी को पता नहीं चले, इसके लिए सरसों, मूली एवं मकई के खेतों के बीच इसे लगाया है ताकि आसानी से किसी की नजर फसल पर नहीं पड़े। बताया जाता है कि अफीम की खेती करने वालों के तार सीमा पार नेपाल व बांग्लादेश से जुड़े हैं। यहां तैयार अफीम भी इन्हीं देशों में भेजी जाती है। पूर्णिया के एसपी अमित लोढ़ा ने कहा कि उन्हें अफीम की खेती कहीं किए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अगर कहीं से इस तरह का मामला सामने आता है तो तत्काल इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बड़हरा कोठी प्रखंड के वंशी टोला वासुदेवपुर में एक निजी विद्यालय के पीछे की खेतों में अफीम की लहलहाती फसल आसानी से देखी जा सकती है। सबसे हैरत की बात तो यह है कि अफीम की यह खेती सड़क के किनारे की गई है और वहां से बड़हरा कोठी थाने की दूरी महज दो किलोमीटर है। इस इलाके के बालूटोल, कसमरा, चिकनी, पटराहा एवं हल्दीबाड़ी के बहियार में अफीम की लहलहाती फसल देखी जा सकती है। धमदाहा थाना क्षेत्र के दमगड़ा में भी 14 फरवरी को पुलिस ने छह कंट्टे में लगी अफीम की फसल पकड़ी थी। पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी किया था। यहां भी अफीम की खेती मुख्य मार्ग के किनारे ही की जा रही थी।
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