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बिहार बोर्ड का पहला रीजनल सेंटर भागलपुर में

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भागलपुर में अपना रीजनल सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। जिला स्कूल में स्थापित होने वाला यह सूबे का सबसे पहला रीजनल सेंटर होगा। मामले को लेकर मंगलवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रो. राजमणि प्रसाद सिन्हा व
शैक्षणिक निदेशक अशोक कुमार गुप्ता भागलपुर पहुंचे। उन्होंने स्कूल के प्राचार्य अशोक कुमार झा व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी देवेंद्र कुमार झा के साथ पूरे कैंपस का जायजा लिया। विद्यालय भवन के पूर्वी छोर पर स्थित कंप्यूटर भवन को उन्होंने रीजनल सेंटर के लिए चिह्नित किया। रीजनल सेंटर की परिकल्पना 2007 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास विभाग के सचिव मदन मोहन झा ने की थी। उन्होंने सेंटर खोलने के लिए सभी प्रक्रिया पूरी करवा ली थी। उनके अकस्मात निधन की वजह से काम बीच में ही अटक गया। श्री सिन्हा ने कहा कि 2013 में मैट्रिक की परीक्षा में 14 लाख व इंटर में आठ लाख परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। इतने छात्रों को पटना स्थित एकमात्र केंद्र से कंट्रोल करना काफी मुश्किल होगा। दूर-दराज के छात्रों को राजधानी आने में खर्च भी काफी होता है। भागलपुर में सेंटर खुलने के बाद छात्रों की परेशानी कुछ कम होगी। उन्हें उसी वक्त सभी डॉक्यूमेंट दे दिए जाएंगे। इस केंद्र के तहत भागलपुर, पूर्णिया व मुंगेर कमिश्नरी के अलावा किशनगंज जिले की छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे।
सेंटर खोलने में कुल नौ से दस करोड़ की राशि खर्च होगी। 40000 स्क्वायर फीट भूमि पर भवन का निर्माण कराया जाएगा। भवन में सौर उर्जा से लैस होगा।
क्या होगा लाभ
समिति के निदेशक राजमणि सिन्हा ने कहा कि रीजनल सेंटर खुल जाने से दूर दराज के छात्रों को काफी आसानी होगी। सर्टिफिकेट से संबंधित सारे काम भागलपुर में हो जाएंगे। मैट्रिक व इंटर की परीक्षा के संचालन व निगरानी में बहुत सुविधा होगी। छात्रों को बेवजह पैसे खर्च कर पटना तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। बोर्ड ने 2006 तक के सारे रिकॉर्ड कंप्यूटर में दर्ज करवा दिए हैं।
सीबीएसई की तर्ज होगा सेंटर
श्री सिन्हा ने कहा कि सीबीएसई की परीक्षा में पूरे देश से 11 लाख छात्र व छात्राएं सम्मिलित होती हैं। इस वजह से बोर्ड ने प्रत्येक राज्य में रीजनल सेंटर खोला है। वहीं बिहार बोर्ड में कुल 22 लाख बच्चे परीक्षा देंगे। इसके लिए सिर्फ एक सेंटर ही कार्यरत है।
परीक्षा की तकनीक में परिवर्तन
श्री सिन्हा ने बताया कि बोर्ड के परिणाम का इंजीनियरिंग व मेडिकल की परीक्षा में महत्व बढ़ता जा रहा है। बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न में काफी बदलाव किए गए हैं। अब 10 अंक के ऑब्जेक्टिव, 20 अंक के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, 50 अंक के लघु उत्तरीय प्रश्न व 20 अंक के प्रॉब्लम ऑरिएंटेड प्रश्न पूछे जाएंगे। छात्र सबसे अधिक भाषा व गणित पर ध्यान दें। उन्होंने घोषणा की कि पांच जून तक सभी परिणाम प्रकाशित कर दिए जाएंगे।