झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने और विधानसभा को निलंबित रखने के
राज्यपाल सैयद अहमद की रिपोर्ट पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को मुहर लगा दी है।
मंत्रिमंडल के फैसले को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वैसे
राज्य विधानसभा के निलंबित होने के कारण राज्यपाल नई सरकार बनाने के लिए नए
विकल्पों की तलाश कर सकेंगे।
राज्यपाल की तरह केंद्रीय गृह मंत्रालय भी राष्ट्रपति शासन के पक्ष में था।
गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में गृह मंत्रालय के नोट के साथ-साथ राज्यपाल की रिपोर्ट को विचार के लिए रखा गया। राज्य की राजनीतिक हालात को देखते हुए मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया। मंत्रिमंडल की सिफारिश को अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। ध्यान देने की बात है कि आठ जनवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन वापस लेने के बाद अर्जुन मुंडा की सरकार अल्पमत में आ गई थी। वैसे मुंडा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देते हुए राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल ने उनकी सिफारिश को नामंजूर कर दिया था।
पिछले हफ्ते राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करने के पहले राज्यपाल ने विभिन्न राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श कर नई सरकार के गठन की कोशिश की थी। वैसे विधानसभा के निलंबित रहने की स्थिति में राज्यपाल भविष्य में नई सरकार के गठन की संभावना तलाश सकते हैं और किसी भी गठबंधन के बहुमत में होने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन हट सकता है।
राज्यपाल की तरह केंद्रीय गृह मंत्रालय भी राष्ट्रपति शासन के पक्ष में था।
गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में गृह मंत्रालय के नोट के साथ-साथ राज्यपाल की रिपोर्ट को विचार के लिए रखा गया। राज्य की राजनीतिक हालात को देखते हुए मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया। मंत्रिमंडल की सिफारिश को अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। ध्यान देने की बात है कि आठ जनवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन वापस लेने के बाद अर्जुन मुंडा की सरकार अल्पमत में आ गई थी। वैसे मुंडा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देते हुए राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल ने उनकी सिफारिश को नामंजूर कर दिया था।
पिछले हफ्ते राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करने के पहले राज्यपाल ने विभिन्न राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श कर नई सरकार के गठन की कोशिश की थी। वैसे विधानसभा के निलंबित रहने की स्थिति में राज्यपाल भविष्य में नई सरकार के गठन की संभावना तलाश सकते हैं और किसी भी गठबंधन के बहुमत में होने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन हट सकता है।