
बिहार के चिकित्सकों को अब अपनी परफारमेंस रिपोर्ट देनी होगी।
इसके लिए विभाग की तरफ से बकायदा प्रोफार्मा जारी किया गया है। वहीं
विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सकों को माह के अंत तक सेवा में योगदान
देने को कहा गया है।
बिहार चिकित्सा सेवा से जुड़े डाक्टरों को अपने कार्य से संबंधित जानकारी
निर्धारित प्रपत्र में भर कर देनी होगी। इसके आधार पर उनकी परफारमेंस
अपरेजल रपट तैयार की जाएगी। इस प्रपत्र में सामान्य जानकारियों के साथ-साथ
मरीजों और अस्पताल आने वाले सामान्य जन के साथ व्यवहार का भी लेखा जोखा है।
साथ ही यह जानकारी भी देनी होगी कि एक साल के दौरान कितने राष्ट्रीय
कार्यक्रमों में उन्होंने शिरकत की। ओपीडी और आपातकालीन विभाग में डयूटी का
जिक्र भी करना होगा।
इसके साथ ही सरकार द्वारा किये जाने वाले आयोजनों तथा अतिविशिष्ट
व्यक्तियों के साथ लगाये गयी डयूटी का ब्योरा भी होगा। फार्म में साल में
ली गयी छुट्टियों का हिसाब किताब भी देना होगा। इन सारी जानकारियों के आधार
पर चिकित्सकों का स्तर तय होगा। वहीं सरकार ने राज्य के चिकित्सा
महाविद्यालयों में चर्म एवं रति रोग, नेत्र रोग आदि विभागों में सहायक
प्राध्यापकों के योगदान के लिए समय सीमा तय कर दी है।