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21 फरवरी को पेश होगा बिहार सरकार का बजट

बिहार सरकार आगामी 21 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2013-14 का बजट बिहार विधानमंडल में पेश करेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को पटना में हुए राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के अवर सचिव विनोद प्रसाद सिंह ने
बताया कि पंचदश बिहार विधानसभा के अष्टम (बजट) सत्र और बिहार विधान परिषद के 173वें सत्र के औपबंधिक कार्यक्रम को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी.
  उन्होंने बताया कि आगामी 18 फरवरी से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल का यह बजट सत्र आगामी तीन अप्रैल तक चलेगा.
  कार्यक्रम के अनुसार 18 फरवरी को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राज्यपाल संबोधित करेंगे.
  बजट सत्र के दौरान 19 फरवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा एवं 22 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए आय-व्ययक का उपस्थापन किया जाएगा.
15 मार्च को वित्तीय वर्ष 2012-13 के आय-व्ययक से संबंधित तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन किया जाएगा.
     सिंह ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के तहत 26 हजार पांच सौ पैंतीस करोड़ साठ लाख रुपये की लागत से 250 तक की आबादी वाले वैसे 54103 टोला-बसावट जहां सम्पर्क पथ नहीं है वहां सम्पर्क प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान कर दी है.
     उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रारंभ इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में 250 तक की आबादी वाले अनजुड़े टोलों-बसावटों में 37908 किलोमीटर पथों का निर्माण किया जाएगा.
     सिंह ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कुल 108591 बसावटों में गत वर्ष अक्तूबर महीने तक 54488 बसावटों को सम्पर्क प्रदान किया जा चुका है.
मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के अवर सचिव विनोद प्रसाद सिंह ने बताया कि बिहार के किसी भी कोने से अधिकतम छह घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के राज्य सरकार के सपनों को साकार करने के लिए 250 तक की आबादी वाले सभी अनजुड़े टोलों और बसावटों को बारहमासी सम्पर्क प्रदान करने के लिए विभागीय अभियंताओं द्वारा राज्य कोर नेटवर्क तैयार किया गया है.
     उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिपरिषद ने बिहार विधानमंडल नियमावली 2006 के नियम 11 में संशोधन को भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है.
    सिंह ने बताया कि बिहार विधानमंडल के सदस्यों को आवंटित पुराने आवासों को तोड़कर नया आवास बनाया जाना है और ऐसी परिस्थिति में सदस्यों को आवास नहीं उपलब्ध कराए जाने की स्थिति में प्रत्येक सदस्य को मकान किराया भत्ता के रूप में 22250 रुपये तथा विद्युत, जलापूर्ति एवं सफाई मद में छह हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान किये जाने के लिए बिहार विधानमंडल नियमावली 2006 के नियम 11 में संशोधन की आवश्यक्ता पड़ी है.
    उन्होंने बताया कि बिहार विधानमंडल के सदस्यों, जिन्हें यह भत्ता दिया जाना है उनकी संख्या 134 है और इससे वाषिर्क वित्तीय भार चार करोड़ 54 लाख 26 रुपये संभावित हैं.