
टारगेट का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत बेहद खराब रही। इंग्लैंड का स्कोर जब महज 4 रन था तो शमी अहमद ने इयान बेल (1 रन) को पविलियन की राह दिखा दी। इसके बाद खतरनाक कैप्टन कुक को 17 रन पर भुवनेश्वर कुमार ने एलबीडब्ल्यू आउट किया। अच्छी लय में नजर आ रहे पीटरसन को भी भुवनेश्वर कुमार के शिकार बने। उन्होंने 42 रन बनाए। इसके ठीक बाद मोर्गन भी बिना खाता खोले पविलियन लौट गए। विकेटकीपर कीसवेटर को 18 रन पर आउट कर अश्विन ने इंग्लैंड को 5वां झटका दिया। इसके बाद रविंद्र जडेजा ने रूट और वोक्स को पविलियन भेज दिया। लोअर ऑर्डर के बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए और इंग्लैंड की पूरी टीम 158 रन पर सिमट गई।
इससे पहले टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 286 रन का टारगेट दिया। कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने फिर मुश्किल हालात में कप्तानी पारी खेली। उनके शानदार 72 रनों की बदौलत भारत शुरुआती झटकों से उबरकर इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में छह विकेट पर 285 रन का स्कोर बनाने में कामयाब रहा। टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर एक बार फिर से नाकाम रहा। सुरेश रैना (55) फिफ्टी पूरी करने के बाद पविलियन लौट गए। ऐसे में धोनी ने आखिरी ओवर में आउट होने से पहले 66 गेंद की अपनी पारी में सात चौके और दो छक्के जड़कर कोच्चि के दर्शकों को रोमांचित कर दिया। रविंद्र जडेजा ने डेथ ओवरों में 37 गेंद पर आठ चौके और दो छक्कों की मदद से नॉटआउट 61 रन बनाए। धोनी और जडेजा ने छठे विकेट के लिए 96 रन की साझेदारी की जिससे भारत आखिरी आठ ओवरों में 95 रन जोड़ने में सफल रहा।
इस बार सिक्के की उछाल ने धोनी का साथ दिया, लेकिन उनकी सलामी जोड़ी फिर से अच्छी शुरुआत देने में नाकाम रही। गौतम गंभीर (8) और अंजिक्य रहाणे (4) के पहले पांच ओवर में चार गेंद के अंदर पविलियन लौटने से भारत शुरू में ही दबाव में आ गया था। डर्नबाक ने गंभीर के बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकालकर गिल्लियां बिखेरीं, जबकि अगले ओवर में फिन की स्विंग रहाणे का स्टंप ले उड़ी।