इस मतदान में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी का रुख क्या होगा ये देखना दिलचस्प होगा.
जहां यूपीए को बाहर से समर्थन दे रही
बहुजन समाज पार्टी इस बिल के समर्थन में सरकार पर दबाव बनाए हुए है वहीं समाजवादी पार्टी इसके विरोध का झंडा बुलंद किए हुए है.
सरकार और सपा के बीच बढ़ता तनाव उस वक्त नज़र आया जब पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया कि सीबीआई के माध्यम से सरकार, मुलायम सिंह यादव पर इस बिल के समर्थन के लिए दबाव बना रही है.
वहीं कांग्रेस ने इस आरोप को नकारते हुए कहा है कि सीबीआई एक स्वतंत्र संस्था है और सरकार इसके कामकाज में दखल नहीं देती.
इससे पहले समाजवादी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने धमकी दी थी कि अगर ये बिल पास होता है तो वो सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे.
वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि समाजवादी पार्टी इस बिल का विरोध केवल एक राजनैतिक दिखावे की तरह कर रही है.
भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “सपा और बसपा दोनों कांग्रेस के साथ हैं. कई मौकों पर बसपा और सपा ने कांग्रेस सरकार को बचाया है. मुलायम सिंह की धमकी सिर्फ राजनीतिक दिखावा है.”
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि सरकार इस बिल के पास होने पर आश्वस्त है, “काफी सोच विचार के साथ हम इस बिल के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस बिल को हम संसद में लाए हैं और उम्मीद है कि ये बिल पास हो जाएगा.”
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे दो प्रमुख सहयोगियों द्वारा परसपर विरोधी रुख अपनाए जाने के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की परेशानियां बढ़ गई हैं.
गौरतलब है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और इस बिल को पास करवाने के लिए दो तिहाई बहुमत की ज़रुरत है.
बहुजन समाज पार्टी इस बिल के समर्थन में सरकार पर दबाव बनाए हुए है वहीं समाजवादी पार्टी इसके विरोध का झंडा बुलंद किए हुए है.
सरकार और सपा के बीच बढ़ता तनाव उस वक्त नज़र आया जब पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया कि सीबीआई के माध्यम से सरकार, मुलायम सिंह यादव पर इस बिल के समर्थन के लिए दबाव बना रही है.
वहीं कांग्रेस ने इस आरोप को नकारते हुए कहा है कि सीबीआई एक स्वतंत्र संस्था है और सरकार इसके कामकाज में दखल नहीं देती.
इससे पहले समाजवादी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने धमकी दी थी कि अगर ये बिल पास होता है तो वो सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे.
भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “सपा और बसपा दोनों कांग्रेस के साथ हैं. कई मौकों पर बसपा और सपा ने कांग्रेस सरकार को बचाया है. मुलायम सिंह की धमकी सिर्फ राजनीतिक दिखावा है.”
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि सरकार इस बिल के पास होने पर आश्वस्त है, “काफी सोच विचार के साथ हम इस बिल के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस बिल को हम संसद में लाए हैं और उम्मीद है कि ये बिल पास हो जाएगा.”
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे दो प्रमुख सहयोगियों द्वारा परसपर विरोधी रुख अपनाए जाने के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की परेशानियां बढ़ गई हैं.
गौरतलब है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और इस बिल को पास करवाने के लिए दो तिहाई बहुमत की ज़रुरत है.