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बिहार : अभी पद पर बने रहेंगे छह वीसी

बिहार के राज्यपाल ने छह विश्वविद्यालयों के मौजूदा कुलपतियों को अंतरिम व्यवस्था तक अपने पद पर बने रहने का फरमान जारी किया है.
बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति देबानंद कुंवर ने सोमवार को छह विश्वविद्यालयों के मौजूदा कुलपतियों और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति
को अंतरिम व्यवस्था तक अपने पद पर बने रहने का फरमान जारी किया है. राज्यपाल के सचिव सुधीर श्रीवास्तव ने राज्यपाल सह कुलाधिपति के फरमान से पटना, छपरा, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा स्थित विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा कामेर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा और अरबी फारसी विश्वविद्यालय को अवगत करा दिया है. इसके साथ ही वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति कुमारेश प्रसाद सिंह भी पद पर बने रहेंगे. वे एलएन मिथिला विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति हैं.
राजभवन ने कहा है कि कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए यह अंतरिम व्यवस्था प्रशासनिक एवं शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से कायम रखने के लिए की है. हाईकोर्ट द्वारा सात दिसम्बर को छह कुलपतियों एवं चार प्रतिनियुक्तियों की नियुक्ति अवैध घोषित कर दी थी. फैसले के मद्देनजर राजभवन ने कहा है कि विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत विहित प्रक्रिया के तहत जब तक नये कुलपति की नियुक्ति नहीं हो जाती,
तब तक विश्वविद्यालयों में अंतरिम व्यवस्था बनी रहेगी. मालूम हो कि हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के परामर्श के बिना कुलपतियों एवं प्रति कुलपतियों की ही नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए 30 दिनों के अंदर नियुक्ति का आदेश दिया है. कुलाधिपति ने बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976(13) के तहत यह आदेश दिया. इधर सरकार इस मामले में राजभवन पर निगाहें जमाये हुए है.
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि शिक्षा विभाग इस बार खुद अपने स्तर से पहल करने के मूड में नहीं है.  इसके पहले वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति सुभाष प्रसाद सिंह और मगध विश्वविद्यालय के कुलपति अरविन्द कुमार को पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर हटाया गया था. तब शिक्षा विभाग ने फौरी कार्रवाई करते हुए वित्तीय अधिकार पर रोक लगा दी थी.
इस बाबत शिक्षा मंत्री पीके शाही ने बताया कि कोर्ट के निर्देश पर नये कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार से परामर्श लेना है. सरकार सूची का इंतजार कर रही है. वैसे शिक्षा विभाग इस मंथन में भी जुटा है कि हटाये गये कुलपतियों के सुप्रीम कोर्ट जाने की स्थिति में क्या करना है.