
जंतर-मंतर पर रैली को संबोधित किया।
रिटेल में एफडीआई के फैसले का जमकर विरोध करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने इस बात की घोषणा अपने घोषणा पत्र में की थी। उन्होंने कहा कि वॉलमार्ट के लिए सरकार ने यह गलत कदम उठाया। उन्होंने कहा कि यहां तक की अमेरिका ने भी वॉलमार्ट पर तमाम शर्तें लगा रखी हैं। वहीं भारत सरकार ने इसके उलट तमाम बंदिशें समाप्त कर दी हैं।
केंद्र पर देश को बेचने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि अब देश में ऐसी सरकार की जरूरत नहीं होती। चुनाव पूर्व किसी भी प्रकार की घोषणा करने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि इस प्रकार की घोषणाएं मात्र कागजी होती हैं और कार्यान्वयन नहीं होता है।
ममता ने कहा कि 19 नवंबर को दिल्ली में रैली करेंगे, 17 को लखनऊ में, पटना में भी और 2 नवंबर को हरियाणा में भी रैली करेंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में प्रदर्शन करने का मकसद साफ है कि कोई यह न समझे कि दिल्ली में हमें समर्थन नहीं है। यहां सिर्फ दिल्ली की जनता का समर्थन हासिल किया है।
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को ललकारते हुए कहा कि यदि आप वास्तविक सुधार चाहते हैं, तो आप काले धन को देश में वापस क्यों नहीं लाते। उनकी राय में अगर आप (केंद्र सरकार) देश को बेचेंगे, जनता आपको बाहर निकाल देगी, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।
ममता बनर्जी ने कहा कि एफडीआई से नौकरियां खत्म होंगी, हमारे छोटे उद्योग प्रभावित होंगे। किसी सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह आम आदमी के जीवनयापन के साधन छीन ले। उन्होंने याद दिलाया कि हमने चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में ही कह दिया था, हम रिटेल में एफडीआई का समर्थन नहीं करेंगे। तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास करती है, लेकिन केंद्र सरकार उसका दुरुपयोग कर रही है।
ममता ने कहा कि मुझे सरकार की ज़रूरत नहीं, मुझे देश की जनता को अपने साथ रखना है। ममता का कहना है कि उन्होंने सरकार के साथ काम करने की कोशिश की, लेकिन वह सरकार की जनविरोधी नीतियों का समर्थन नहीं कर सकती थीं। बंगाल की सीएम ने कहा कि मैंने राजनीति में प्रवेश देशसेवा के लिए लिया था, कुछ हासिल करने के लिए नहीं।
सिलेंडरों पर केंद्र की राशनिंग की बात पर ममता ने कहा कि लगता है कि इन नेताओं के घर में खाना नहीं बनता है। सब बाहर से आता है। उनका कहना है कि सालभर में छह सिलेंडर से एक परिवार का काम नहीं चलता।