मोबाइल फोन टावर हटाने के संबंध में राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से राज्य सरकार को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। टावरों से निकलने वाले रेडिएशन के खतरे को देखते हुए स्कूल, अस्पतालों और घनी आबादी वाले इलाकों से इन्हें हटाने को कहा गया था।
जस्टिस एचएल दत्तू और सीके प्रसाद की पीठ ने कहा, ऐसा आदेश जिससे स्कूल के बच्चों और लोगों का भला होता हो, हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे। ऐसे मोबाइल टावरों को कुछ समय के लिए हटाया ही जाना चाहिए। सरकार भी मामले को देख रही है। इस पर अंतिम निर्णय लेना होगा।
जीएसएम मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों के संगठन सेलुलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआइ) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि मोबाइल टावर से निकलने वाले रेडिएशन से लोगों पर बुरा असर पड़ता है। इस संबंध में आज तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। जब बेंच ने जानना चाहा कि इस पर राजस्थान सरकार का क्या रुख है, तो रोहतगी ने कहा कि हाई कोर्ट में भी इस मामले पर उसकी ओर से कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया गया था।