नवगछिया शहर में पिछले लगभग बीस पच्चीस दिनों से बिजली की बिगडी हालत से आम लोगों के जिंदगी के सुर और ताल बिगडने लगे हैं। कब आयेगी, कब तक रहेगी, कब जायेगी नवगछिया की बिजली इसका किसी के पास कोई ठिकाना नहीं रहता है। चाहे वो आम लोग हो, चाहे उपभोक्ता या फिर विभाग के अधिकारी। कारण एक ही नजर आता है, यहां सब के सब अधिकारी रहते हैं फिरारी। जो खोजने पर भी नहीं मिल पाते। उनका पता भी कोई नहीं बता पाते।
शहर के आम लोग कहने लगे हैं कि जब से नवगछिया ग्रीड ठीक होने पर बिजली मिल रही है, वह नहीं के बराबर रहती है। जिसकी वजह से सारे काम अधुरे रह जाते हैं। जहां छात्रों की पढ़ाई अधूरी रह रही है। वहीं व्यापारियों के व्यापार भी अधुरे रह जाते हैं। साथ ही घरों में महिलाओं के सीरियल अधुरे रह जाते हैं। वहीं अधिकांश लोग देश और दुनियां के समाचारों से अछुते रह जाते हैं। आम लोगों का कहना है कि जब हम पैसा पूरा देते हैं तो बिजली इतनी कम क्यों मिलती है। आखिर बिजली बिना कैसे चलेगा काम। कैसे मिलेगा शरीर को आराम। बिजली बिना छाया रहता है अंधेरा, समस्यओं का जमने लगता है डेरा।
शहर के आम लोग कहने लगे हैं कि जब से नवगछिया ग्रीड ठीक होने पर बिजली मिल रही है, वह नहीं के बराबर रहती है। जिसकी वजह से सारे काम अधुरे रह जाते हैं। जहां छात्रों की पढ़ाई अधूरी रह रही है। वहीं व्यापारियों के व्यापार भी अधुरे रह जाते हैं। साथ ही घरों में महिलाओं के सीरियल अधुरे रह जाते हैं। वहीं अधिकांश लोग देश और दुनियां के समाचारों से अछुते रह जाते हैं। आम लोगों का कहना है कि जब हम पैसा पूरा देते हैं तो बिजली इतनी कम क्यों मिलती है। आखिर बिजली बिना कैसे चलेगा काम। कैसे मिलेगा शरीर को आराम। बिजली बिना छाया रहता है अंधेरा, समस्यओं का जमने लगता है डेरा।