अब वाहन चलाने के लिए किसी ड्राइवर की जरूरत नहीं, बस जरूरत है एक स्मार्ट मोबाइल फोन की। जहन में यही ख्याल आ रहा होगा कि ड्राइवर और मोबाइल फोन का मेल।
चौकिए मत लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग के चार छात्रों ने वायरलैस कम्यूनिकेशन टेक्नालॉजी से एक ऐसी कार तैयार की है, जिसे देश के किसी भी कौने में बैठ कर मोबाइल फोन के माध्यम से ऑपरेट किया जा सकता है। इस कार को चलाने के लिए ड्राइवर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
छात्रों ने खुद सॉफ्टवेयर तैयार किया है। सोफ्टवेयर को स्मार्ट फोन पर अपलोड कर कार में लगे सिस्टम से जोड़ने के बाद बस कमांड देने की जरूरत पड़ती है। एलपीयू के कुलपति अशोक मित्तल ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि इस कार का एक हजार किलोमीटर तक का सफल प्रशिक्षण कर लिया गया है और इसे रात व दिन दोनों समय में संचालित किया जा सकता है।
हालांकि मौजूदा समय में यह सड़क पर नहीं चलाया जा सकता, मगर जल्द ही इसमें मोडिफिकेशन कर सड़क पर भी उतार दिया जाएगा। मोबाइल फोन पर ही इस कार की स्पीड को नियंत्रित किया जा सकता है और एक बार फुल बैटरी चार्ज होने पर 80-90 किलोमीटर तक बिना रूके चल सकती है। उन्होंने कहा कि यह कार डिफेंस सेक्टर, नेत्रहीनों व वृद्धों और अपाहिजों के लिए लाभदायक साबित होगी।
मोबाइल से कमांड देने पर ही चलेगी कार :कार को ऑटो और मैनुअल मोड से संचालित किया जा सकता है। स्टेयरिंग के पास बैठा कोई भी इससे छेड़छाड़ नहीं कर सकता, जब तक साफ्टवेयर के माध्यम से सिग्नल देने के लिए कमांड नहीं दी जाती।
कमांड देते ही कार स्टार्ट हो जाएगी और उसके बाद मोबाइल फोन की डिसप्ले पर चार नेविगेशन फंक्शन आ जाते हैं। जिसके माध्यम से कार को दाएं-बाएं व आगे-पीछे किया जा सकता है। छात्रों की तरफ से स्पीडवेज की गोल्फ कॉट में यह प्रशिक्षण किया है। इस कार के आगे व पीछे दो कैमरे लगे हुए हैं। जिसके माध्यम से कार को मोबाइल फोन पर रास्ता देख कर ऑपरेट कर चलाया जा सकता है।
वर्कशाप में गुजरते थे दिन-रात :कार को तैयार करने वालों में एमटेक के विकास, बीटेक के लोकेश रमिना, मैकेनिकल इंजीनियरिंग राहुल जैन व सुवेंदु बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए उनकी रातों की नींद तक उड़ गई थी। यही कारण है कि कैंपस में बनी वर्कशाप में ही उनका दिन व रात गुजरता था।
वीसी अशोक मित्तल बताते हैं कि आने वाले समय में सेंसर की मदद से इस ड्राइवर लैस कार अपडेट किया जाएगा। जिसके माध्यम से वाहन, पदयात्रियों व अन्य अवरोधकों की आसानी से पहचान कर लेंगे। जिससे कारें अचानक धीमी गति में आ जाएगी व जरूरत पड़ने पर रूक भी जाएगी।
ऐसे हाल में दुर्घटनाओं की कमी आएगी। इसके अलावा कार में जीपीआरएस भी लगाया गया, जिससे कार की लोकेशन को भी पहचाना जा सकता है।