भजन सम्राट दीपक को सुन भाव विभोर हुए मुरारी बापू
राजेश कानोड़िया, नवगछिया। अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत भ्रमरपुर निवासी भजन सम्राट सह कथावाचक प्रो. डा. हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी गुजरात के भावनगर जिला अंतर्गत महुवा गांव पहुंचे। जहां मुरारी बापू ने पांच दिवसीय संत समागम में शामिल होने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया था। इस समागम में देश-विदेश से दो सौ ज्यादा संत शामिल हो रहे हैं। आयोजन स्वयं मुरारी बापू ने किया है। समागम के पहले दिन दीपक जी ने अपने 15 मिनट के संबोधन में मुरारी बापू का दिल जीत लिया। इस दौरान दीपक जी ने अपने दादा पंडित भुवनेश्वर मिश्र और पिता प्रो. डा. मदन मोहन मिश्र को भी याद किया। घर में होने वाले एकादशी अनुष्ठान, श्रीरामचरिमानस गायन व संतों के भजन आदि कार्यक्रम की भी चर्चा की। दीपक जी ने मुरारी बापू को प्रो. डा. मदन मोहन मिश्र रचित मानस अभिषेक व मोहन निरझरिणी पुस्तक भेंट की। जिसका अवलोकन कर मुरारी बापू गदगद हो गए। इसके अलावा प्रो. बांके बिहारी झा करील की पुस्तक करील कादम्बिनी भी दीपक जी ने बापू जी को दिया। दीपक जी ने अपने क्षेत्र के प्रसिद्ध संत श्रीरामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज की व्यक्तित्व और कृतित्व की भी चर्चा की। संबोधन के दौरान दीपक जी ने तुरंत एक कविता की रचना कर बापू जी समेत वहां मौजूद सभी संतों को सुनाया। जिसे सुनकर बापू जी भावविभोर हो गए। राम कथा की धारा बही रहे, भारत के संत जन डूबकी लगायी रहे। गुजरात प्रांत के महुवा ग्राम के, भक्ति भाव श्रद्धा जहां जन-जन के तन-मन में। बापू मुरारी भगीरथ बन बहायी रहे, राम कथा की धारा बही रहे। शांति-सद्भाव पूरे विश्व में प्रचारित हो, हर घर के बालक में राम का चरित्र हो। संत-विद्वान ये संदेश सुनाय रहे, राम कथा की धारा बही रहे।