महारुद्राभिषेक के साथ साथ जारी है शिव महापुराण और गरुड़ महापुराण की कथा भी
राजेश कानोडिया, भागलपुर। नवगछिया स्थित बड़ी घाट ठाकुरबारी में चल रहे दशम् अभिषेकात्मक महारुद्र यज्ञ के प्रथम सोमवारी पर जहां एक ओर भगवान आशुतोष का महारूद्राभिषेक काशी के विद्वानों द्वारा कराया गया । इसके बाद ज्ञान मंच से दिन के 10:30 बजे से परम् पूज्य महंत श्री सियाबल्लभ शरण जी महाराज द्वारा संगीतमय कथा के माध्यम से शिव महापुराण के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का बृहत् व्याख्यान किया गया। साथ ही नंदी एवं शिव के संवाद, भगवान शंकर का गणों को संदेश, पार्थिव पूजन का विधान एवं भगवान शिव के विविध द्रव्यों से अभिषेक का वर्णन किया गया।
वहीं दूसरी ओर सायं कालीन ज्ञान मंच से वृन्दावन धाम से पधारी साध्वी श्री ऋचा द्वारा श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत भगवान के अवतार के क्रम की कथा में भगवान के 24 अवतारों का वर्णन विद्वता पूर्ण वाणी से किया जा रहा है। साथ ही विशेष रूप से डाo श्रवण जी शास्त्री के द्वारा गरुड़ महापुराण की कथा में मृत्यु उपरांत दैहिकी क्रिया, दाह संस्कार विधि, संस्कार उपरांत पुत्रों द्वारा पितृ कर्म कर्तव्य का विशद विवेचन संगीत मय कथा के माध्यम से किया जा रहा है। जिसमें श्रोतागण कथा द्वारा ज्ञानार्जन एवं संगीतमय कथा का भरपूर आनंद उठा रहे हैं। इस कार्यक्रम में महारुद्र समिति नवगछिया के पदाधिकारी, सदस्य, कार्यकर्ता एवं शिव भक्त उत्साह पूर्वक लगे हुए हैं।