STF, SP रंजीत मिश्राइस गिरफ़्तारी को लेकर एसपी रंजीत मिश्रा ने बताया कि मोस्ट वांटेड मोती यादव की तलाश पुलिस को बहुत दिनों से थी. यह कई जघन्य अपराध कर चुका है. कई मामले में वांछित अपराधी आखिरकार STF के हत्थे चढ़ ही गया. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. मोती यादव और उसके गुर्गे लगातार पुलिस को चुनौती दे रहे थे. मोती यादव का गिरोह जहाँ आतंक का पर्याय बन चुका था. वहीं नवगछिया जिला पुलिस के लिए सिर दर्द भी बना हुआ था.
कुख्यात मोती यादव के ऊपर हत्या और रंगदारी के कुल 23 मामले भागलपुर नवगछिया के विभिन्न थानों में दर्ज हैं. वह कुल 5 कांड कर के काफी समय से फरार चल रहा था. मोती यादव की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस ने 50 हजार के इनाम की भी घोषणा कर राखी थी. मोती यादव का क्राइम स्टाइल भी बड़ा ही खौफनाक बताया जाता है. वह फ़िल्मी स्टाइल में अपने गुर्गों के जरिये ही वारदात को अंजाम दिया करता था. लोग बताते हैं के इसके पास कई तरह के हथियार भी रहते हैं.
नवगछिया दियारा और भागलपुर में पुलिस और लोगों के लिए सिरदर्द बन चुके इस अपराधी के लिए बड़ी प्लानिंग की गई थी. गुप्त सूचना मिलते ही आईजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन ने एसटीएफ की एक टीम बनाई. और इसकी कमान STF एसपी रंजीत मिश्रा के हाथों में दे दी. STF एसपी रंजीत मिश्रा जब छापेमारी करने गए तो वहां मोती यादव के गिरोह का साथ मुठभेड़ भी हुई. हालांकि STF की टीम उसे पकड़ने में सफल रही.और उसे बाद भागलपुर के कहलगांव इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.


