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लालू यादव को शर्तों सहित मिला पैरोल, पटना पहुंचते ही आंखें हुई नम

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क ,(NNN)। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अपने बेटे तेज प्रताप यादव की शादी में शामिल होने के लिए गुरुवार शाम को पटना पहुंचे। उनके साथ उनके करीबी विधायक भोला यादव भी थे। पटना एयरपोर्ट पर उन्हें लेने के लिए दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी के साथ बेटी मीसा भारती भी पहुंचीं थीं। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट पर लालू के हजारों समर्थक उनका इंतजार कर रहे थे। घर पर भी समर्थकों को हुजूम देखने को मिला। लालू यादव ने जब एयरपोर्ट पर इतना तादाद में समर्थकों को देखा तो उनकी आंखें नम हो गईं। 

लालू प्रसाद ने कोर्ट से बेटे की शादी में शामिल होने के लिए पांच दिन की पैरोल मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की पैरोल दी। जिसके बाद वे गुरुवार शाम को रांची से फ्लाइट के जरिए पटना पहुंचे। लालू प्रसाद यादव 138 दिनों के बाद अपने घर पर व्हीलचेयर पर पहुंचे। घर पर भी समर्थकों और रिश्तेदारों का हुजूम देखकर वे दोबारा से भावुक हो गए। लालू प्रसाद के साथ रिम्स के दो डॉक्टरों को भी भेजा गया है। सामने आई तस्वीरों में डॉक्टर लालू यादव के साथ नजर आ रहे हैं। 

शाम चार बजे लालू प्रसाद को कड़ी सुरक्षा के बीच रिम्स से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट ले जाया गया। वहां से वे पांच लोगों के साथ इंडिगो के विमान से शाम 5:55 बजे पटना के लिए रवाना हुए थे। पटना जाने से पहले लालू का शुगर लेवल बढ़ा हुआ था। मालूम हो कि लालू प्रसाद चारा घोटाला से जुड़े मामलों में फिलहाल होटवार जेल की सजा काट रहे हैं। उनके बेटे तेज प्रताप की 12 मई को शादी होने वाली है।

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार लालू प्रसाद को तीन दिन की पैरोल मिली है। एक दिन जाने और एक दिन आने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। इन दो दिनों की गिनती पैरोल के तीन दिनों के साथ नहीं होगी। नियमों के मुताबिक 250 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए दो दिन का समय दिया जाता है। ऐसे में लालू प्रसाद को 14 मई को पटना से वापस रांची लौटना होगा। 

साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव अपने बेटे की शादी में कैमरे की निगरानी में रहेंगे। बताया जा रहा है कि उन्हें पैरोल कुछ शर्तों के साथ दिया गया है। जेल आईजी हर्ष मंगला के द्वारा जारी किये गये पैरोल संबंधी आदेश में जिक्र है कि शर्तों के उल्लंघन की स्थिति में पैरोल को तत्काल रद्द कर दिया जाएगा। इसके तहत वे अपनी पार्टी के नेताओं, मीडिया कर्मियों से मुलाकात और बातचीत नहीं करेंगे। इस दौरान वे किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि से दूर रहेंगे।