ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

भागलपुर: छह माह से जांच कर रही थी निगरानी की टीम

भागलपुर : निगरानी विभाग की टीम जिला आपूर्ति पदाधिकारी देवेंद्र कुमार दर्द के खिलाफ दर्ज शिकायत की जांच पिछले छह माह से कर रही थी। शिकायत के आधार पर निगरानी जब संतुष्ट हो गई तब जाकर छापेमारी के लिए कोर्ट से सर्च वारंट लिया। दर्द के विरुद्ध निवेश और संपत्ति बनाने की शिकायत की गई थी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने इस आवेदन को ठंडे बस्ते में नहीं डाला बल्कि इस पर आंतरिक जांच शुरू कर दी। जब विजिलेंस इस बात से संतुष्ट हो गई कि आरोप सही है तो बिना मौका गंवाए छापेमारी की गई। विजिलेंस की इस कार्रवाई का किसी को सुराग नहीं मिला था। टीम यहां आकर अचानक पहले आपूर्ति कार्यालय के कर्मियों से मुलाकात की। जब यह जानकारी मिली कि डीएसओ यहां नहीं हैं तो विजिलेंस के अधिकारियों ने डीएम से मिलकर दंडाधिकारी की मांग की। विजिलेंस के सूत्रों ने बताया कि अगर छापेमारी के समय जिला आपूर्ति पदाधिकारी भागलपुर में होते तो उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती थी। वैसे अभी भी गिरफ्तारी की संभावना खत्म नहीं हुई है।

बताते चलें कि जिला आपूर्ति पदाधिकारी लोकायुक्त में उपस्थित होने के लिए पटना गए थे। उन्होंने दो और तीन नवंबर को मुख्यालय छोड़ने की अनुमति डीएम से ली है। लोकायुक्त कार्यालय में ही डीएसओ को पहली सूचना उनकी पत्नी ने फोन कर दी थी। विजिलेंस के अधिकारियों ने गुरुवार को डीएसओ के सभी ठिकानों पर एक साथ एक्शन शुरू किया था। भागलपुर के ऑपरेशन में विजिलेंस को एएसपी संजय भारती ने सहयोग किया था। विजिलेंस की छापेमारी के बाद सामान्य प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा।