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मातृत्व शक्ति का ध्यान करने से जीवन मे मिलता है मोक्ष-स्वामी आगमानद

बकचप्पर, शाहकुंड (भागलपुर)। स्वामी आगमानंद जी महाराज के सानिध्य मे निकाली गयी कलश शोभा यात्रा के बाद यहां माता देवी की भागवत कथा की भक्ति गंगा बहायी जा रही है। जिसमें भागलपुर जिले के ही नही बल्कि कई राज्यो से भी लोग आकर इस कथा के रस का आनंद ले रहे हैं जैसेः बंगलौर, दिल्ली, राँची, पटना इत्यादि। कल से आरंभ हुई यह कथा लगातार सात दिनो तक चलेगी।

पहले दिन की कथा मे सोमवार को स्वामी जी ने माता की उत्पत्ति, उपासना और अपने जीवन मे इसकी महत्ता को बताया। उन्होने कहा कि इस युग हरि नाम संकिर्तन करने से इस क्षणभंगुर जीवन मे मोक्ष की प्राप्ति होती है और यह शरीर मिट्टी स्वरूप है या ऐसे कहे जिस प्रकार एक ग्लास पानी को उल्टा कर भरे बाल्टी मे रखते हैं तो उससे बुलबुला निकलकर फूटने लगता है ठीक उसी प्रकार हमारा जीवन भी है। इस युग माता की शक्ति के ध्यान के बिना कुछ संभव नही क्योकि जब हम जन्म लेकर माँ के आँचल मे खेलते हैं, Bगोद मे खेलते हैं वही स्वर्ग है क्योकि फिर दुबारा यह आराम हमारे जीवन के क्रम मे कभी नही आता और हर भगवान के नाम के पहले श्री आता है वह” श्री”का मतलब माता है उसे अध्यात्म मे इसी से संबोधित किया जाता है और आदरसूचक तो है ही जैसै-श्री राम, श्री कृष्ण इत्यादि। इसलिए हमारे जीवन से यदि माँ का आँचल स्वरूप चादर हट जाए या उनको अपने जीवन मे याद न करे तो यह जीवन नश्वर स्वरूप माना जाता है।