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सृजन महाघोटाला : नाजिर महेश मंडल की मौत पर डीजीपी ने दी सफाई

पटना : सृजन महाघोटाले के आरोपी नाजिर महेश मंडल की पुलिस हिरासत में हुई मौत पर डीजीपी पीके ठाकुर ने सफाई दी है. सोमवार को उन्होंने कहा कि गिरफ्तार नाजिर महेश मंडल शूगर और किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. उनका इलाज चल रहा था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. बता दें कि महेश मंडल की मौत पर बिहार की सियासत में काफी उथल-पुथल मचा हुआ है.

डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि महेश मंडल का हफ्ते में 3 बार डायलिसिस होता था. गिरफ्तारी के बाद पेशी के समय उनकी बीमारी से संबंधित डॉक्यूमेंट्स कोर्ट के समक्ष पेश किये गये थे. कोर्ट के निर्देश के बाद मंडल का इलाज पहले जेल अस्पताल में किया गया. बाद में उन्हें इलाज के लिए भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल भेजा गया. वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

डीजीपी ने कहा कि फिलहाल इस मामले में कोई लापरवाही की बात सामने नहीं आ रही है. अगर कोई लापरवाही किसी के स्तर पर पायी जाती है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी. हालांकि महेश मंडल की मौत के मामले की जांच के लिए ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को अनुरोध पत्र भेजा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सृजन मामले में अब तक 11 मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं भागलपुर में सर्वाधिक 9 मामले दर्ज किये गये हैं. साथ ही अब तक 18 गिरफ्तारी हुई है.

गौरतलब है कि इन दिनों सृजन घोटाला बिहार में हॉट केक बना हुआ है. इसे लेकर सियासत भी तेज है. यह घोटाला भागलपुर से निकल कर सहरसा, सुपौल होते हुए सोमवार को बांका पहुंच गया है. सहरसा में जहां 162 करोड़ का मामला सामने आया है, वहीं बांका में 93 करोड़ की राशि की हेराफेरी की बात हो रही है. बांका में सोमवार को वहां के भू-अर्जन पदाधिकारी आदित्य नारायण झा की ओर से यह मामला दर्ज कराया गया है.

उधर डीजीपी पीके ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया कि अब तक 15 बैंक खातों को फ्रिज किया गया है. वहीं सीबीआई के चार्ज लेने के बाद उसे बिहार पुलिस पूरी तरह सहयोग करेगी. जब तक सीबीआई चार्ज नहीं लेती है, तब तक बिहार पुलिस की जांच जारी रहेगी. बता दें कि आरोपी नाजिर महेश मंडल की मौत पर सोमवार को ही बिहार विधानसभा के मॉनसूत्र सत्र में जम कर हंगामा हुआ है.