ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

रक्षाबंधन कल, 3 घंटे 21 मिनट है शुभ मुहूर्त

नव-बिहार समाचार। इस साल रक्षा बंधन सावन पूर्णिमा 7 अगस्त सोमवार को है। रक्षा बंधन पर चन्द्रग्रहण का संयोग भी बन रहा है। ऐसा संयोग 12 वर्षों के बाद मिला है। काफी शुभफलदायक माना जा रहा है। दिन में 10.31 से लेकर 1.52 बजे तक रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त है। बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करेंगी। ज्योतिष के जानकार पं. श्रीशिव शंकर ठाकुर बताते हैं कि इस बार सावन पूर्णिमा को राहु काल प्रात: 7.30 बजे से 9 बजे तक है। भद्रा की समाप्ति प्रात: 10.30 तक है। रात 10.52 बजे से चन्द्रग्रहण लग रहा है। चूकि ग्रहण लगने के 9 घटे पहले से सूतक (छूत) लग जाता है। इसलिए दिन में 10.31 से 1.52 तक रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त है।

अनिष्ट निवारण है रक्षाबंधन :- पं. श्रीशिवशंकर ठाकुर बताते हैं कि रक्षाबंधन की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ है। धार्मिक और पौराणिक मतानुसार रक्षा बंधन श्रावण शुल्क पक्ष पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षा बंधन एक सुरक्षा कवच है। अनिष्ट निवारण सूत्र है। रक्षा यानी सुरक्षा और बंधन का अर्थ बांधना है। प्राचीनकाल में अपने हितैषीजनों को रक्षा सूत्र बांधकर सदा आपदा व संकटों से बचने के उद्देश्य से ऋषि-महर्षि, पुरोहित व ब्राह्मण अपने यजमान के दाहिने हाथ की कलाई में अभिमंत्रित सूत्र बांधकर रक्षा और विजयी की कामना करते थे।

राखी दुकानों पर बहनों की दिखी भीड़:- रक्षाबंधन को लेकर शनिवार को बाजार में चहल-पहल काफी दिखी। चौक-चौराहों पर रंग-बिरंगी राखियों की दुकानों पर महिलाएं व युवतियों की भीड़ जुटी थी। मिठाई दुकानों पर भी ग्राहकों की कतार दिखीं। वैसे, आधुनिकता का असर राखियों पर भी साफ दिख रहा है। अब फोम से बनी राखियां बहुत कम ही नजर आती हैं। चमकीले स्टोन की बनी राखियों की डिमांड सबसे ज्यादा है। बाजार में बच्चों को लुभाने के लिए कार्टून वाली राखियां भी लायी गयी हैं।