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खगडिया में होगा इस बार का आठवां गुरु पूर्णिमा महोत्सव

नव-बिहार समाचार, भागलपुर/ खगडिया / मुकेश कुमार मिश्र। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा हिन्दू पंचांग के अनुसार 9 जूलाई को मनाया जाएगा। जीवन में गुरु एवं शिष्य के महत्व को आने वाले पीढ़ी को बताने के लिए  यह दिन आदर्श है। गुरु का आशीर्वाद सर्वाधिक कल्याणकारी व ज्ञानवर्धक होता हैं। यह महोत्सव व  पर्व संस्कृत के प्रकांड विद्वान चारों वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी को समर्पित हैं। वेद व्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा के दिन हुआ था। उनके सम्मान में ही आषाढ़ माह  की पूर्णिमा पर्व भारत में धूम धाम से मनाया जाता हैं। आषाढ़ माह की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहते हैं।

अंग की धरती पर अवतरण लिए परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज जिन्होंने घर घर में आध्यात्मिकता का दीप जलाकर लोगों को भगवान नाम का रस पान करा रहे हैं । स्वामी जी आध्यात्मिक, धार्मिक, समाजिक कार्यों में लोगों को जोड़ कर सैकड़ों गांवों में एक सुन्दर सा परिवार बना दिए हैं। स्वामी जी द्वारा श्री शिव शक्ति योग पीठ का नवगछिया भागलपुर में निर्माण किया गया हैं। जिसमें लाखों की संख्या में लोग जुड़े हुए हैं।

कोसी कालेज खगडिया में होगा आयोजन
सात वर्षों से श्री  शिव शक्ति योग पीठ नवगछिया द्वारा गुरु पूर्णिमा महोत्सव अंग की धरती पर मनाते आ रहे हैं। इस वर्ष खगडिया की धरती कोसी की आँचल में कोसी महाविद्यालय के प्रागंण में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाने की तैयारियों में लोग जुट गए हैं। गुरु पूर्णिमा महोत्सव में लगभग पच्चीस हजार की संख्या में महिला एवं पुरुष भक्त गण शामिल होते हैं। जहां गुरु एवं शिष्य का अनुपम छटा देखने को मिलती हैं। श्री शिव शक्ति योग पीठ नवगछिया के द्वारा बेहतर तरीके से व्यवस्था की जाती हैं। चारों तरफ रंग बिरंगे फूलों की पंखुड़ियों से सुसज्जित मंच देखकर लोग आनंदित हो जाते हैं। वहीं आसन पर बैठकर स्वामी जी प्रत्येक शिष्यों को आशीर्वाद के साथ प्रसाद देते हैं। वहीं संध्या के समय स्वामी जी अपने मुखारबिंद से शिष्यों को आशीर्वचन देते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन कोसी की धरती पर गुरु शिष्य मिलन का एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। दिन भर संगीत कलाकार अपने भक्ति संगीत से लोगों को झूमने पर मजबूर कर देते हैं।

अन्य प्रदेशों के अनुयायी करते है शिरकत
बिहार के लगभग सभी जिले से गुरु भाई एवं बहनें अपने गुरु जी से आशीर्वाद पाते हैं। यहाँ तक ही नहीं रांची, दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुम्बई,जम्मू कश्मीर, जबलपुर, इंदौर, असम,कलकत्ता,आदि शहरों में निवास कर रहे स्वामी जी के अनुयायी  गुरु पूर्णिमा के दिन आकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। निराधार उपवास में  महिला एवं पुरुष   कतार बद्ध होकर अपने बारी का  इंतजार करते हैं। भक्तों के हाथों में रंग बिरंगे फूल जो 'गुरु जी के चरण में अर्पित होगा, प्रसाद के रूप में तरह तरह की मिठाई की थाल ओर लम्बी कतार का यह दृश्य दिन भर देखने को  मिलता हैं।गुरु पूर्णिमा के दिन स्वामी जी का पुरा परिवार एक दूसरे से मिलकर आनंदित हो जाते हैं। सभी परिवारों का संगम स्थल बन जाता हैं।गुरु पूर्णिमा  दिन का इंतजार में लोग रहते हैं गुरुजी के आशीर्वाद के अलावा अपने परिवार से भी मिलने  का सौभाग्य प्राप्त होता हैं।

गुरु पूर्णिमा पर होता है कई परिवारों का होगा मिलन
गुरु पूर्णिमा के दिन बुढे, बच्चे, युवक, माता एवं बहनें  अपने गुरुजी से आशीर्वाद पाने के लिए आतुर रहते हैं।गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुजी से  आशीर्वाद पाकर ओर गुरु जी से मिले  प्रसाद ग्रहण कर भक्त गण उस दिन के उपवास को निस्तार करते हैं। शिव शक्ति योग पीठ के सैकड़ों सेवा दल अनुशासित होकर आए हुए अतिथि के सत्कार में तत्पर रहते हैं। श्री शिव शक्ति योग पीठ आश्रम का मुख्य उद्देश्य धार्मिक कार्यों का आयोजन, मठ, मंदिर, धर्मशाला, गोशाला, विद्यालय, महाविद्यालय, अस्पताल निर्माण प्राकृति आपदा के  पीड़ित की मदद, दीन दुखियों बच्चों महिलाएं की सर्वांगीण कल्याण के लिए हैं। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर हजारों की संख्या में महिला एवं पुरुष गुरु जी से गुरु दीक्षा प्राप्त करते हैं।