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जानें! कैसे ये शातिर इंटर-मैट्रिक के छात्रों को फोन पर नंबर बढ़ाने का देते थे झांसा


पटना। बिहार बोर्ड के इंटर व मैट्रिक के छात्रों को कॉल करके नंबर बढ़ाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के तीन शातिर अपराधियों को कोतवाली थाने की पुलिस ने शनिवार को शेखपुरा जिले के रहिंचा गांव से दबोच कर गिरफ्तार कर लिया। जबकि गिरोह का सरगना सुजीत गुप्ता पुलिस के हाथ नहीं लग सका। वह नालंदा के कतरीसराय का रहनेवाला है। बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने शातिरों के पकड़े जाने पर एसएसपी सहित टीम के सदस्यों को सम्मानित भी किया। 

 एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि हाल के दिनों में पुलिस को इंटर व मैट्रिक के दर्जनों छात्रों ने शिकायत की कि रिजल्ट में नंबर बढ़ाने के नाम पर उनसे ठगी की गयी है। कॉल करने वाले परीक्षार्थियों को किसी किसी विषय में फेल होने व नंबर बढ़ाने के लिए पैसे की डिमांड कर रहे थे। बोर्ड ऑफिस से बोलने की बात कह शातिर परीक्षार्थियों को विश्वास में लेते और खाते में प्रति विषय दो हजार रुपए डालने बात कहते थे।

ऐसी शिकायत मिलने के बाद कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गयी। इसके बाद पुलिस ने ठगी के लिए किए कॉल के नंबरों का डिटेल्स निकाला। नंबरों को सर्विलांस पर रखा गया तो पता चला कि कॉल शेखपुरा के तीन गांव रहिंचा, पांची व कबीरपुर से की गयी है। इसके बाद कोतवाली थानाध्यक्ष रामशंकर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम रहिंचा गांव में छापेमारी की तो चंदन मोबाइल फोन पर ठगी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। उसके साथ पुलिस ने शंटू चौधरी व सुभाष कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया। हालांकि कई अपराधी पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब रहे। 

मोबाइल सहित कई कागजात मिले :
धरे गए शातिरों के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन के साथ ही कई कागजात भी बरामद किए हैं जिसमें परीक्षार्थियों के रौल नंबर, नाम व मोबाइल नंबर का जिक्र है। गिरोह का तार विभिन्न राज्यों में फैला है। लॉटरी निकलने के नाम पर भी गिरोह के सदस्य अब तक सैकड़ों लोगों से लाखों-करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। 

कतरीसराय में बैठा है सरगना:
पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि गिरोह का सरगना कतरी सराय का सुजीत गुप्ता है। सुजीत ही गिरोह के लोगों को छात्रों का नाम, पता व मोबाइल नंबर उपलब्ध कराता है। ये लोग सिर्फ कॉल कर छात्रों का जाल में फंसा कर उसे खाते में पैसे डालने के लिए कहते थे। बाकी का काम सरगना सुजीत व  गिरोह के अन्य लोग करते थे। इन लोगों को प्रति दिन सौ रुपए से डेढ़ सौ रुपए कॉल करने के दिए जाते थे। इनमें गांव की कई महिलाएं भी शामिल है। 

गांव के चबूतरे पर बनती है ठगी की योजना: शेखपुरा सराय के रहिंचा, पांची व कबीरपुर गांव ठगों का सबसे बड़ा अड्डा है। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि तीनों गांव के अधिकतर लोग ठगी से जुड़े हैं। इस कारण पुलिस की छापेमारी के पहले भी इन्हें भनक लग जाती है। गांव के खेत, चतूबरा, पेड़ के नीचे बैठ कर ठग लोगों को जाल में फंसाने के लिए कॉल करते रहते हैं। एक तरह से इन गांव में ठगों का कॉल सेंटर ही चला करता है। दिनभर कॉल करते रहते हैं। हालांकि गिरोह का सरगना कतरी सराय में बैठ कर इन्हें हैंडिल करता है। कतरी सराय भी ठगी के धंधे के लिए कुख्यात है। 

नापतौल, होम शॉपिंग के ग्राहकों भी होते हैं शिकार
टीवी पर चलने वाले टेली माकेर्टिंग शो नापतौल, होम शॉपिंग के ग्राहकों को भी गिरोह के लोग अपने जाल में फंसाते हैं। उन्हें लॉटरी में लग्जरी गाड़ियां निकलने का प्रलोभन देते हैं। उसके बाद उनसे रजिस्ट्रेशन व प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर हजारों-लाखों रुपए ठग लिया करते हैं। इस तरीके से गिरोह के लोगों ने अब तक सैंकड़ों लोगों से लाखों-करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं। 

पूरे देश में फैला है जाल 
गिरोह का तार पूरे देश में फैला है। गिरोह में सौ से अधिक लोग हैं। बिहार सहित कई राज्यों में इन लोगों ने फर्जी नाम व पते पर खाते खुलवा रखे हैं। खाते में पैसे आने पर गिरोह के सरगना उसे एटीएम के माध्यम से निकाल लिया करते हैं। गिरोह के लोग यूपी, उत्तराखंड, ओड़िशा, दिल्ली, पंजाब,हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र , कर्नाटक सहित कई राज्यों के लोगों को लॉटरी निकलने का नाम पर ठग चुके हैं। 

कई माध्यमों से हासिल करते हैं डाटा 
गिरोह के लोग छात्रों के साथ दूसरे लोगों की मोबाइल फोन नंबर के साथ ही नाम व पते का डाटा कई माध्यमों से हासिल करते हैं। सोशल साइट, नेट, माकेर्टिंग कंपनी, शिक्षा संस्थान , दुकान, स्टोर सहित कई अन्य जगहों से गिरोह के लोग डाटा जमा  करते हैं।