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आ सकते हैं 6 लाख इंजीनियरों के बुरे दिन, हो सकती है ये वजह

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN), नईदिल्ली। आने वाले 3 साल आईटी क्षेत्र में काम करने वाले  इंजीनियर्स के लिए काफी बुरे होने वाले हैं। जॉब पर रिसर्च करने वाली फर्म हेड हंटर्स इंडिया ने कहा कि आईटी कंपनियों द्वारा नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के कारण ऐसा होगा।

फर्म के मुताबिक, हर साल 1.75 लाख से लेकर के 2 लाख लोग कंपनियों से बाहर किए जाएंगे। हालांकि इस साल मीडिया रिपोर्ट्स में 56 हजार लोगों को बाहर किए जाने की खबर है, लेकिन इससे ज्यादा लोग बाहर हो चुकें हैं। 

हेड हंटर्स के चेयरमैन और एमडी के लक्ष्मीकांत ने कहा कि नेस्कॉम के सम्मेलन में इस तरह की आशंका व्यक्त की गई थी। तीन साल में जो लोग नई टेक्नोलॉजी के मुताबिक अपने आप को ढाल नहीं पाएंगे, उनके लिए नौकरी में बने रहना काफी मुश्किल हो जाएगा। 

तो रह जाएंगे आईटी इंडस्ट्री में आधे लोग

मैकेंजी इंडिया के एमडी नोशिर काका ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री के लिए आने वाला वक्त काफी मुश्किल भरा साबित होगा। इस वक्त इंडस्ट्री में 39 लोग काम कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर लोगों को फिर से ट्रेनिंग देनी होगी।

अगर ऐसा हुआ तो अगले तीन साल में पांच-छह लाख लोग बेकार हो जाएंगे। हालांकि ऐसा बंगलुरू और मुंबई जैसे बड़े शहरों में नहीं, बल्कि छोटे शहरों में सबसे ज्यादा मार पड़ेगी। टेक्नोलॉजी में तेजी से बदलाव होने के कारण,  उन लोगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ेगी जिनकी उम्र 35 साल से ज्यादा है।