बिजली की भारी किल्लत से जूझ रहे बिहार में केंद्र सरकार ने अब अल्ट्रा
मेगा पावर प्रोजेक्ट (यूएमपीपी) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। राज्य
सरकार की मानें तो इस अधिक उत्पादन क्षमता वाले बिजलीघर से बिहार को 2,000
मेगावॉट बिजली मिलेगी। यह बिजली राज्य में बिजली संकट को दूर करने में काफी
अहम होगी।
राज्य के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने बताया,
'केंद्र सरकार ने बिहार में एक यूएमपीपी को अपनी मंजूरी दे दी है। इस बिजली संयंत्र की क्षमता 4,000 मेगावॉट होगी। इसमें से गृह राज्य के हिस्से के रूप में बिहार को कम से कम 2,000 मेगावॉट बिजली मिलेगी।' उन्होंने कहा, 'इसके लिए रजौली और बांका में जमीन के सर्वेक्षण का काम चल रहा है। इस बारे में अंतिम फैसला जल्दी ही होने की उम्मीद हमें है। साथ ही, पानी के स्रोत के बारे में भी चर्चा चल रही है। इस बारे में हमें इस वित्त वर्ष के आखिर तक कागजी प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। यह परियोजना निर्माण कार्य शुरू होने के पांच साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगी। यह हमारे लिए बड़ी राहत का सबब बनकर आएगा। हालांकि, हम बिजली के मामले में कई दूसरे बड़े कदम भी उठा रहे हैं।'
यादव ने कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2015 तक बिजली के मामले में सुधार लाने का वादा किया है। हम इस वादे को हर कीमत पर पूरा करेंगे। इसके लिए हमने एक व्यापक योजना भी बनाई है। हमारे मुजफ्फरपुर और बरौनी स्थित बिजलीघरों में मरम्मती का काम अगले साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इन दोनों बिजलीघरों से हमें 440 मेगावॉट बिजली मिलेगी। इनके विस्तार का काम भी 2015 तक पूरा हो जाएगा, जो हमारी क्षमता में 900 मेगावॉट का इजाफा करेंगे। इसके अलावा, बाढ़ में एनटीपीसी के निर्माणाधीन बिजलीघर से भी अगले साल के अंत तक हमें बिजली मिलने लगेगी। यहां से हमें करीब 1,200 मेगावॉट बिजली मिलनी है।' मंत्री ने बताया, 'इसके अलावा, राज्य सरकार दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) से भी 100 मेगावॉट बिजली हासिल करने में कामयाब रही है।'
राज्य के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने बताया,
'केंद्र सरकार ने बिहार में एक यूएमपीपी को अपनी मंजूरी दे दी है। इस बिजली संयंत्र की क्षमता 4,000 मेगावॉट होगी। इसमें से गृह राज्य के हिस्से के रूप में बिहार को कम से कम 2,000 मेगावॉट बिजली मिलेगी।' उन्होंने कहा, 'इसके लिए रजौली और बांका में जमीन के सर्वेक्षण का काम चल रहा है। इस बारे में अंतिम फैसला जल्दी ही होने की उम्मीद हमें है। साथ ही, पानी के स्रोत के बारे में भी चर्चा चल रही है। इस बारे में हमें इस वित्त वर्ष के आखिर तक कागजी प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। यह परियोजना निर्माण कार्य शुरू होने के पांच साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगी। यह हमारे लिए बड़ी राहत का सबब बनकर आएगा। हालांकि, हम बिजली के मामले में कई दूसरे बड़े कदम भी उठा रहे हैं।'
यादव ने कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2015 तक बिजली के मामले में सुधार लाने का वादा किया है। हम इस वादे को हर कीमत पर पूरा करेंगे। इसके लिए हमने एक व्यापक योजना भी बनाई है। हमारे मुजफ्फरपुर और बरौनी स्थित बिजलीघरों में मरम्मती का काम अगले साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इन दोनों बिजलीघरों से हमें 440 मेगावॉट बिजली मिलेगी। इनके विस्तार का काम भी 2015 तक पूरा हो जाएगा, जो हमारी क्षमता में 900 मेगावॉट का इजाफा करेंगे। इसके अलावा, बाढ़ में एनटीपीसी के निर्माणाधीन बिजलीघर से भी अगले साल के अंत तक हमें बिजली मिलने लगेगी। यहां से हमें करीब 1,200 मेगावॉट बिजली मिलनी है।' मंत्री ने बताया, 'इसके अलावा, राज्य सरकार दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) से भी 100 मेगावॉट बिजली हासिल करने में कामयाब रही है।'