दोषपूर्ण व्यवस्था से समाज में पैदा होता है भ्रष्टाचार
सितंबर 09, 2011
समाज की दोषपूर्ण व्यवस्था से समाज में पैदा होता है भ्रष्टाचार। इस दोषपूर्ण व्यवस्था में परिवर्तन के लिए स्वयं सहायता समूहों की बहनों को आगे आना होगा। तभी भ्रष्टाचार से मुक्त होकर विकास की बात की जा सकती है। जबकि अपने आत्मबल को समझने, ऊपर उठाने, विकास करने की व्यवस्था है स्वयं सहायता समूह। उक्त बातें नवगछिया जनविकास लोक कार्यक्रम के निदेशक मदन मोहन ठाकुर ने शुक्रवार को लत्तीपुर मध्य विद्यालय में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन के दौरान कही। जहां नवजनलोक के तत्वावधान में मिजेरियर जर्मनी के सहयोग से स्वयं सहायता समूह के गठन, क्षमता वृद्धि एवं समाजिक नेतृत्व के विकास पर एक कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में सात स्वयं सहायता समूहों के तीस प्रतिभागी मौजूद थे। इस दौरान नवजनलोक के कार्यकर्ता अरूण रिंकेश, संजय कुमार ने स्वयं सहायता समूह के निर्माण से लेकर स्वपोषित तक के चरणों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि समूह का लेखा-जोखा आइने की तरह पारदर्शी होना चाहिए।