NAVBIHAR NEWS 24: फर्जी पत्रकारों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिया है। अपने निर्देश में उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि सरकारी विभागों में केवल प्रमाणित और पंजीकृत पत्रकारों को ही मान्यता दी जाए। यह बैठक कल श्रीनगर में आयोजित की गई थी, जिसमें उपराज्यपाल ने पत्रकारिता के नाम पर हो रहे दुरुपयोग पर चिंता जताई। दरअसल, फर्जी पत्रकारों का मुद्दा हाल ही में संपन्न जम्मू-कश्मीर विधानसभा के शरद सत्र में भी उठाया गया था।
बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, उपराज्यपाल ने स्पष्ट कहा कि “पत्रकारिता के नाम का दुरुपयोग करने वालों को कानून का सामना करना होगा।” उन्होंने सभी Deputy Commissioners और SSPs को ऐसे तत्वों की पहचान कर उन्हें व्यवस्था से बाहर करने के लिए ठोस कदम उठाने का आदेश दिया है। सिन्हा ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में मान्यता प्राप्त और सक्रिय पत्रकारों का सत्यापित डेटाबेस तैयार किया जाए और सरकारी विभाग केवल उन्हीं मीडिया प्रतिनिधियों से संवाद करें जो सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (DIPR) द्वारा विधिवत प्रमाणित हों।
उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि पत्रकारिता के नाम पर फेसबुक पेज, ऑनलाइन पोर्टल या सोशल मीडिया हैंडल चलाने वाले व्यक्तियों को भी DIPR से पंजीकृत और सत्यापित होना जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को उनकी प्रकाशित सामग्री के लिए जवाबदेह और नैतिक रिपोर्टिंग के दायरे में रहना होगा।
यह कदम उन बढ़ती शिकायतों के बीच उठाया गया है जिनमें कहा गया कि कुछ लोग फर्जी मीडिया पहचान पत्रों और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अधिकारियों को धमकाने या निजी लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। विधानसभा सत्र के दौरान कई विधायकों ने भी इस पर चिंता जताई थी और इस पर अंकुश लगाने की मांग की थी।
वहीं, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार सच्चे और जिम्मेदार पत्रकारों की भूमिका का सम्मान करती है, लेकिन जो लोग इस पेशे को बदनाम कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले DIPR ने भी सभी जिला सूचना अधिकारियों को फर्जी पत्रकारों पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए थे।