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गंगा में नहाने के दौरान डूबने से दो नाबालिग बच्चों की हुई मौत

गंगा में नहाने के दौरान डूबने से दो नाबालिग बच्चों की हुई मौत
नव-बिहार समाचार, नवगछिया। बिहार के पुलिस जिला नवगछिया अंतर्गत भवानीपुर थाना क्षेत्र में सोमवार दोपहर बाद गंगा में नहाने के दौरान डूबने से दो नाबालिग बच्चों की मौत हो गई। नाबालिगों के डूबने के दौरान आसपास के बच्चों ने शोर मचाया, जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने दोनों बच्चों की तलाश शुरू की। जानकारी के मुताबिक, करीब 30 मिनट की मशक्कत के बाद दोनों नाबालिग बच्चों के शवों को गंगा से निकाल लिया गया। घटना नारायणपुर प्रखंड के भवानीपुर थाना क्षेत्र के मथुरापुर जहाज घाट की है।

मृत बच्चों की पहचान 12 साल के खुर्शीद आलम और 12 साल के मोहम्मद दिलशाद के रूप में हुई है। खुर्शीद आलम मधेपुरा जिले के किशनगंज इलाके का रहने वाला था, जो कुछ दिनों पहले मधुरापुर पछियारी टोला वार्ड नंबर दो में अपने नाना मोहम्मद इस्लाम के घर आया था। वहीं, दिलशाद मोहम्मद निसार का बेटा है, जो मधुरापुरा पछियारी टोला, वार्ड नंबर दो का ही रहने वाला था।

गहरे पानी में जाने के कारण डूबे दोनों बच्चे

स्थानीय लोगों ने दोनों बच्चों की लाश को नारायणपुर पीएचसी लेकर पहुंचे। स्थानीय लोगों के मुताबिक दोनों नाबालिग सोमवारी के मौके पर गंगा स्नान करने के लिए गए थे। इसी दौरान गहरे पानी में जाने के कारण दोनों गंगा में डूब गए। उधर, घटना की सूचना के बाद स्थानीय भवानीपुर थाना की पुलिस भी मौके पर पहुंची। भवानीपुर थाना अध्यक्ष महेश कुमार ने घटना की विस्तृत जानकारी लेकर नाबालिगों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

मृत छात्र के पिता बोले- पीएचसी से डॉक्टर गायब थे, होते तो बेटा बच जाता

मृत दिलशाद के पिता मोहम्मद निसार ने बताया कि मेरा बेटा दोपहर 2 बजे घर से निकला था, शाम 5 बजे जानकारी मिली कि बेटे की मथुरापुर घाट पर गंगा में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि तत्काल मैं घटनास्थल पर पहुंचा, तो पता चला कि स्थानीय लोग डॉक्टर के पास ले गए हैं। जब मैं अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था। काफी देर से डॉक्टर पीएचसी में आए, जिसकी वजह से मेरे बेटे की मौत हो गई।

निसार ने आरोप लगाया कि अगर डॉक्टर समय से पीएचसी आ जाते या पीएचसी में मौजूद रहते तो मेरे बेटे को बचाया जा सकता था।