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अयोग्य मतदाता मतदाता सूची में न रहे, मतदाता सूची को शुद्ध करने की है जरूरत : जिला पदाधिकारी भागलपुर

अयोग्य मतदाता मतदाता सूची में न रहे, मतदाता सूची को शुद्ध करने की है जरूरत : जिला पदाधिकारी भागलपुर 
भागलपुर। भारत  निर्वाचक सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण एवं पुनरीक्षण पूर्व गतिविधि के तहत मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के संदर्भ में जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि सभी दलों के प्रतिनिधियों से सहयोग अपेक्षित हैं। योग्य मतदाता मतदाता सूची से वंचित न रहे,अयोग्य मतदाता मतदाता सूची में न रहे,मतदाता सूची को शुद्ध करने की जरूरत है।
   उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का निर्देश है कि किसी भी बीएलओ को ट्रांसफर नहीं करना है,सभी बीएलओ सक्रिय रहेंगे और निर्वाचन का कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।।
  उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के निर्देशानुसार बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) कराए जाने का निर्देश दिया गया है। 
  यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों और समय-सारणी के अनुसार आयोजित किया जाएगा। 
   इस गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची  में सम्मिलित हों ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें,कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो और मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे।
   उप निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था। वर्तमान में तेजी से हो रहे शहरीकरण,लगातार होने वाला प्रवासन, नए युवाओं का 18 वर्ष की आयु पूरी कर मतदाता बनने की पात्रता प्राप्त करना, मृत्यु की जानकारी का समय पर न मिलना तथा अवैध विदेशी नागरिकों के नाम सूची में दर्ज हो जाना जैसी स्थितियों के कारण यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है ताकि त्रुटिरहित और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार की जा सके।
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत बी०एल०ओ० घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। 
    यदि किसी राजनीतिक दल अथवा मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है,तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) संबंधित मामले की जांच करेंगे और उसके बाद ही ERO अपना निर्णय लेंगे। 
      इसके अतिरिक्त,जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत ERO के आदेश के विरुद्ध जिला पदाधिकारी (District Magistrate) तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer) के समक्ष अपील दायर की जा सकती है।
   पुनरीक्षण के क्रम में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) एवं मतदान स्तरीय अधिकारी (BLO) द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वास्तविक मतदाताओं,विशेष रूप से वृद्ध, बीमार,दिव्यांगजन (PWD), गरीब तथा अन्य वंचित वर्गों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए। इस क्रम में सभी राजनीतिक दलों से प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) की नियुक्ति अपेक्षित है। 
  बीएलए की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि यदि कोई विसंगतियाँ या त्रुटियाँ हो,तो उसका समाधान तैयारी के प्रारंभिक चरण में ही कर लिया जाए, जिससे दावे, आपत्तियों और अपीलों की संख्या में कमी लाई जा सके।
   बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण कराए जाने हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 25 जून से 30 सितंबर 2025 तक निर्धारित किया है।
   उप निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि बिहार में अंतिम संक्षित पुनरीक्षण 2003 में किया गया था, इसलिए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) 01.01.2003 की अर्हता तिथि वाली 2003 की निर्वाचक नामावली को पात्रता का प्राथमिक प्रमाण मानेंगे,जिसमें नागरिकता की भी धारणा शामिल होगी,जब तक कि इसके विपरीत कोई जानकारी न प्राप्त हो।
  कोई भी व्यक्ति जिसका नाम 2003 की निर्वाचक नामावली में दर्ज नहीं है,उसे निर्वाचक नामावली में पंजीकरण के लिए पात्रता सिद्ध करने हेतु सरकार द्वारा मान्य विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों में से किसी एक का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
   सभी मतदाताओं को Enumeration Form के साथ संलग्न घोषणा-पत्र में घोषणा करना अनिवार्य है।
घोषणा के समर्थन में प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की सांकेतिक (लेकिन संपूर्ण नहीं) सूची (स्वयं, पिता और माता के लिए अलग-अलग स्वप्रमाणित दस्तावेज़ प्रस्तुत किए जाने हैं, यदि ऊपर उल्लिखित हो, सिवाय उन मामलों के जहां बिहार की निर्वाचक नामावली की 01.01.2003 की अर्हता तिथि की प्रति का उपयोग किया गया हो, जिसे एक पर्याप्त दस्तावेज़ माना जाएगा।
   किसी केंद्रीय सरकार / राज्य सरकार पीएसयू के नियमित कर्मचारी पेंशनर को जारी पहचान पत्र / पेंशन भुगतान आदेश।
  01.07.1987 से पूर्व भारत में सरकार / स्थानीय प्राधिकरणों / बैंकों / डाकघर / एलआईसी / पीएसयू द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र / प्रमाणपत्र / दस्तावेज़ ।
 सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र,पासपोर्ट।
  मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिक शैक्षिक प्रमाण पत्र।
  सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र,वन अधिकार प्रमाण पत्र। सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी / एससी एसटी या कोई जाति प्रमाण पत्र। नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (जहां भी लागू हो)। राज्य / स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा तैयार परिवार रजिस्टर एवं सरकार द्वारा जारी कोई भी भूमि आवास आवंटन प्रमाण पत्र।
    यदि BLO को गणना के समय कोई घर बंद मिले,तो वह प्रपत्र घर में डाल देगा और भरे हुए प्रपत्र लेने के लिए कम से कम तीन बार दौरा करेगा।
   मौजूदा मतदाताओं को प्री-फिल्ड गणना प्रपत्र डाउनलोड करने और ऑनलाइन भरे हुए प्रपत्र व दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
   प्रत्येक मतदाता को यह प्रपत्र आवश्यक जानकारी और स्वप्रमाणित दस्तावेजों के साथ BLO को देना होगा।
  BLO फिर से हर घर जाकर भरे हुए गणना प्रपत्र इक‌ट्ठा करेगा,एक प्रति दस्तावेजों सहित अपने पास रखेगा और दूसरी प्रति पर प्राप्ति रसीद देकर यह प्रति आवेदक को देगा।
  यदि मतदाता ने ऑनलाइन प्रपत्र व दस्तावेज़ अपलोड किए हैं, तो BLO घर पर जाकर दस्तावेजों का सत्यापन करेगा।
     प्रारूप मतदाता सूची में केवल उन्हीं मौजूदा मतदाताओं के नाम होंगे,जिन्होंने भरे हुए गणना प्रपत्र BLO को दिए हैं या जिनके ऑनलाइन प्राप्त और BLO द्वारा सत्यापित प्रपत्र हैं। जिनसे प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए उनके नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं होंगे।
  यदि कोई मतदाता निर्दिष्ट समय में प्रपत्र नहीं दे पाता,तो वह दावा व आपत्ति अवधि में फ़ॉर्म-6 व घोषणा प्रपत्र (परिशिष्ट-डी) के साथ नाम शामिल कराने हेतु आवेदन कर सकता है।
   प्रारूप प्रकाशन की सूचना (फ़ॉर्म-5) जारी करते समय ERO आगामी पात्रता तिथि अर्थात 1 अक्टूबर 2025 के लिए अग्रिम आवेदन भी आमंत्रित करेगा।
  यदि ERO/AERO को किसी प्रस्तावित मतदाता की पात्रता पर संदेह हो (आवश्यक दस्तावेज़ न मिलने या अन्य कारणों से), तो वह स्वतः संज्ञान लेकर जांच करेगा और ऐसे मतदाता को नोटिस जारी करेगा कि क्यों उसका नाम सूची से हटाया न जाए। 
  फील्ड जांच,दस्तावेज या अन्य आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और एक स्पष्ट आदेश पारित किया जाएगा। संदिग्ध विदेशी नागरिकों के मामलों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत सक्षम प्राधिकारी को भेजा जाएगा।
   यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ERO की संतुष्टि जिस दस्तावेज़ पर आधारित है,उसे ECINET में अपलोड किया जाए क्योंकि वर्तमान तकनीक इसकी अनुमति देती है।
   नए मतदाता के रूप में नाम शामिल करने के सभी दावे फ़ॉर्म-6 और नई घोषणा पत्र के साथ होंगे। सभी लंबित फॉर्म-6 और आगामी दावों पर भी घोषणा पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा।
  निवास स्थान बदलने,प्रविष्टियों में सुधार या अद्यतन, EPIC के प्रतिस्थापन और PWD चिह्नित करने हेतु आवेदन फ़ॉर्म-8 में किया जाएगा। बिहार राज्य से बाहर से आने पर फ़ॉर्म-8 के साथ नया घोषणा पत्र भी देना अनिवार्य होगा।
   ईआरओ (ERO) को फार्म 9, 10, 11, 11A और 118 में दावों और आपत्तिों की सूची तैयार करनी होगी और इन सूचियों की एक प्रति अपने कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर प्रत्येक कार्य दिवस पर प्रदर्शित करनी होगी।
    जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि निर्वाचक सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण से संबंधित कार्यकम संसूचित किया गया है। आयोग के उक्त कार्यकम के अनुसार प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए 1200 निर्वाचकों के मानक के आधार पर मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के लिए 25.06.2025 से 26.07.2025 तक समय सीमा निर्धारित करते हुए युक्तिकरण से संबंधित दिशा निर्देश संसूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट रोल का प्रकाशन 01/08/2025 को किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के द्वारा प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए बीएलए की नियुक्ति की जानी है। उन्होंने सभी से बीएलए की नियुक्ति संशोधित बीएलए form 2  करने हेतु अनुरोध किया।
   बैठक में अप निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती श्वेता कुमारी एवं भागलपुर के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय एवं मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के जिला प्रतिनिधि उपस्थित रहे।