गीता में है कर्म, भक्ति, ज्ञान और अनुशासन के माध्यम से पाप कर्मों से मुक्ति का उपाय- ब्रह्मर्षि किरीट भाई
राजेश कानोडिया (नव-बिहार समाचार) भागलपुर। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था कि मनुष्य वासना और निहित स्वार्थों के कारण पाप करने पर मजबूर होता है। पाप कर्मों के कारण उस व्यक्ति के अंदर लोभ, मोह, अहंकार जैसे विकार आ जाते हैं। यह बातें ब्रह्मर्षि किरीट भाई ने द्वारिकापुरी कॉलोनी श्याम कुंज में तुलसी परिवार की ओर से आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन बुधवार को प्रवचन में कही।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को निष्काम कर्म के माध्यम से अपने कर्मों को शुद्ध करना चाहिए। यानी कर्म करते समय फल की आकांक्षा नहीं होनी चाहिए। इससे आत्मिक विकास, स्वतंत्रता और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गीता में कर्म, भक्ति, ज्ञान और अनुशासन के माध्यम से पाप कर्मों से मुक्ति का उपाय बताया गया है। किरीट भाई ने गंगा समेत अन्य नदियों को स्वच्छ-निर्मल बनाये रखने के लिए नदी में किसी तरह की चीज को प्रवाहित नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा- पर्यावरण संरक्षण सभी की जिम्मेदारी है। हरेक जन्मदिन पर पौधरोपण का संकल्प लें।
इस दौरान किरीट भाई ने श्री नारायण, नारायण हरि हरि... भजन गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। श्रद्धालुओं ने भजन को उनके साथ दोहराया। इसी क्रम में गोवर्धन पूजन, महारास, छप्पन भोग, फूलों की होली एवं डांडिया का आयोजन हुआ। गोवर्धन पूजन व महारास की झांकी सजायी गयी। श्रीकृष्ण, राधा के साथ गोपियों की झांकी सजायी गयी। सभी ने नृत्य कर माहौल श्रृंगारिक कर दिया।
इस मौके पर केंद्रीय रेल रेलवे यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान, नवनीत ढांढनिया, तुलसी परिवार के संरक्षक विनोद गुड्डेड्वाल, चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष शरद सलारपुरिया, सुनील बुधिया, राजेश मेहता, शोभा ढांढनिया, संगीता साह, अभिषेक ढांढनिया, मयंक सिंघानिया, नीलेश कोटरीवाल, मनोज बुधिया, रोहन साह, शिव झुनझुनवाला, मीडिया प्रभारी राजेश खेतान, केंद्रीय रेल रेलवे यात्री संघ के विनय, विनोद एवं विमल गुड्डेवाल, अंकित, अमन, श्रेया, कार्तिक, वसुधा, साक्षी, सिद्धि, रिद्धि, कृष, अबयान आदि का सक्रिय योगदान रहा। मीडिया प्रभारी राजेश खेतान ने बताया कि 19 दिसंबर को रुक्मिणी विवाह, 20 दिसंबर को गुरु पादुका पूजन एवं पूर्णाहुति यज्ञ होगा।