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मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु अहंकार है जो समस्त जीवन का सर्वनाश कर देता है- सिया वल्लभ

मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु अहंकार है जो समस्त जीवन का सर्वनाश कर देता है- सिया वल्लभ 

नवगछिया। स्थानीय बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास महंत सिया वल्लभ शरण महाराज ने कथा के दौरान कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु अहंकार है, जब मनुष्य के मन में अहंकार का भाव पैदा होता है तब वह अपना समस्त जीवन का सर्वनाश कर देता है। उन्होंने कहा कि रावण, कंस एवं कई ऐसे असुर थे। जिन्होंने अंहकार के मद में अपना विनाश करवाया। 

श्री लड्डू गोपाल सहस्रार्चन पूजन में मुख्य यजमान के रूप में कौशलेंद्र ठाकुर, प्रवीण भगत, विश्वास झा, शंकर प्रसाद जायसवाल, संतोष मंडल आदि ने भाग लिया। कमेटी के कांतेश कुमार, कृष्ण भगत, चंदन सिंह, हिमांशु शेखर झा, संजय गर्ग, अक्षय पोद्दार, सहित सैकड़ों श्रृद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। मालूम को कि 25 अक्टूबर को कथा का समापन एवं 26 अक्टूबर को पूर्णाहुति हवन के साथ भागवत कथा समाप्त हो जायेगा। भागवत व सहस्रार्चन पूजन में यज्ञाचार्य ललित झा, विनोद मिश्र, सत्यम पांडेय, अविनाश मिश्र, विभाष झा, आनंद झा, अमरदीप आदि परायण, मंत्रोच्चारण सहित आरती विधिवत संपन्न कराने में लगे हुए हैं।