आगमानंद महाराज ने किया तुलसीपुर काली मंदिर में नौ दिवसीय नवाहपरायण का उद्धाटन
खरीक प्रखंड के तुलसीपुर काली मंदिर में नौ दिवसीय नवाहपरायण का शुभारंभ हुआ। उद्धाटन श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद महाराज ने किया। विधायक ई शैलेंद्र भी उपस्थित थे। इस अवसर पर रामलखन चौधरी की दिवंगत पत्नी अहिल्या देवी को श्रद्धांजलि दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन सुबोध दा और सुमन भारद्वाज ने किया। गीतकार राजकुमार, पंडित ज्योतिन्द्र प्रसाद चौधरी, स्वामी शिव प्रेमानंद भाई जी, स्वामी मानवानंद, मनोरंजन प्रसाद सिंह, परमानन्द राय, विजय जी, दिलीप शास्त्री, मृत्युंजय कुंवर, आदि ने संबोधित किया। स्वामी आगमानंद ने कहा कि प्रत्येक धर्म-परायण महिला ईश्वर से प्रार्थना करतीं हैं उसकी मृत्यु सुहागन के रूप में हो। उन्होंने श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे गाकर सभी के कल्याण के लिए आशीर्वाद दिया। कहा- बिनू हरि कृपा मिलहीं नहीं संता।
रामानंद दास ने कहा भगवान की कथा जितनी बार सुनेंगे आपको हर बार नवीनता मिलेगी। जीवन को जब शांति मिलती है तो भगवान का दर्शन होता है।
गीतकार राजकुमार ने कहा- जो सद्गुरु के शरण में जो रहते हैं- उनका कल्याण होता है, मुक्ति मिलती है। उन्होंने स्वरचित कविता सुनाते हुए कहा- 'परमहंस' गुरु सिद्ध से, होते हैं जो युक्त। 'राज' जीव होते वही, निश्चित बंधन मुक्त।
इस अवसर पर सुबोध दा, रंजन जी, पुष्कर केशव, पंडित अनिरुद्ध, राम बालक भाई आदि ने भजन गाए।