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गंगा राष्ट्रीय नदी के साथ साथ हमारी माता भी है, हर प्रकार से इसकी रक्षा करें- परमहंस स्वामी आगमानंद

गंगा राष्ट्रीय नदी के साथ साथ हमारी माता भी है, हर प्रकार से इसकी रक्षा करें- परमहंस स्वामी आगमानंद 
राजेश कानोडिया, नव-बिहार समाचार, नवगछिया (भागलपुर)। बिहार के पुलिस जिला नवगछिया अंतर्गत परवत्ता थाना के समीप खगड़ा गांव में श्री शिवशक्ति योगपीठ के तत्वावधान में चल रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ और श्री रामकथा महायज्ञ के सातवें दिन सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही यज्ञ वेदी की परिक्रमा करने लोगों की भीड़ लगी रही । इसके अलावा वहां स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का लोगों ने पूजन किया। योगपीठ के पीठाधीश्वर श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज से आशीर्वाद लेने की काफी भीड़ लगी रही। इस दौरान बलवीर सिंह बग्घा, माधवानंद ठाकुर, पवन दुबे के भजनों पर लोग थिरकने लगे। 

श्री शतचंडी महायज्ञ और श्री रामकथा महायज्ञ के सातवें दिन सोमवार को अपने प्रवचन के दौरान स्वामी आगमानंद ने कहा कि जीवन का सार है ईश्वर की प्राप्ति और लोगों की सेवा। नर सेवा ही नारायण सेवा होती है। उन्होंने कहा कि संतों का भी यही काम है। संतों के पास जो भी कुछ रहता है वह दूसरे के लिए होता है। संत एक हाथ से लेते हैं तो दूसरे हाथ से दान कर देते हैं। उनका जीवन परोपकार में ही बीतता है। आज की कथा में उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा पर भी जोर देते हुए कहा कि वृक्ष काटे नहीं, लगाएं। वृक्ष के साथ नदियों का भी संरक्षण करें, उसे गंदा नहीं करें। गंगा हमारी राष्ट्रीय नदी है। हर प्रकार से इसकी रक्षा करें। यह हमारी माता भी है।
इसी क्रम में स्वामी आगमानंद जी महाराज ने राम के वन गमन की कथा सुनाई। कैकई के लिए उन्होंने कहा- भले ही आज उनका अपयश होता हो, लेकिन उन्होंने जनकल्याण के लिए राम को वन भेज दिया। कैकई भी सबसे ज्यादा राम को पसंद करती थी। वन जाने के बाद भरत का आना और राम से मिलने की कथा भी उन्होंने सुनाई। कहा कि भरत के समान दूसरा कोई भाई नहीं हो सकता। सत्ता प्राप्त होने के बाद भी वे कभी सिंहासन पर नहीं बैठे। राम की चरण पादुका की उन्होंने पूजा की। 14 वर्ष तक उन्होंने ऐसे जीवन जीया, जो किसी सन्यासी के जीवन से कम नहीं था। आज भरत का नाम हर कोई श्रद्धा से लेते हैं। कथा के दौरान पंडित ज्योतिन्द्र चौधरी, स्वामी मानवानंद, कुंदन बाबा, मनोरंजन प्रसाद सिंह आदि मौजूद थे। 
दीक्षा दान और सुंदरकांड पाठ आज 
आयोजन समिति द्वारा जानकारी दी गई कि मंगलवार को अष्टमी के दिन योगपीठ के पीठाधीश्वर श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज  द्वारा दीक्षा दान दिया जायेगा। दोपहर दो बजे से कथा मंडप पर सुंदरकांड का पाठ प्रारंभ होगा। सुंदरकांड पाठ भजन सम्राट प्रो हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी, प्रो डा. मिहिर मोहन मिश्र सुमन जी और दिलीप शास्त्री करेंगे। कार्यक्रम की व्यवस्था को बनाये रखने में खगड़ा ग्राम के सभी युवक और बुजुर्ग लगे थे। वहीं खगड़ा और जगतपुर पंचायत के मुखिया एवं उनके प्रतिनिधि की मुख्य भूमिका देखी जा रही है। जहां श्री शिवशक्ति योगपीठ के सेवादल के सभी कार्यकर्ता सक्रियता से लगे हैं।