नवगछिया में मनाया गया स्वामी अनंताचार्य जी महाराज का अवतरणोत्सव
नव-बिहार समाचार, नवगछिया। श्री उत्तरतोताद्रि मठ विभीषणकुंड अयोध्या एवं श्री शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर श्रीमद्जगतगुरु रामानुजाचार्य अनंत श्री विभूषित बाल ब्रह्मचारी स्वामी अनन्ताचार्य महाराज के रविवार को श्री शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत और सम्मान किया गया तथा उनका अवतरणोत्स भी काफी धूमधाम के साथ मनाया गया। पटना में कार्यक्रम संपन्न कराकर अपने उत्तराधिकारी शिष्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद को लेकर वे वहां पहुंचे।
श्री शिवशक्ति योगपीठ में स्वामी आनन्ताचार्य जी महाराज का अवतरण दिवस के दौरान डा. आशा तिवारी ओझा, हरि किशोर ओझा, गीतकार राजकुमार, मृत्युंजय सिंह गंगा, डा. ज्योतिन्द्र प्रसाद चौधरी, कुंदन बाबा, मनोरंजन प्रसाद सिंह, शिव प्रेमानंद, स्वामी मानवानंद, प्रेम शंकर भारती आदि वहां मौजूद थे। मौके पर डा. आशा तिवारी ओझा द्वारा रचित पुस्तक "मानस में जनमानस" और राजेश कानोड़िया द्वारा संपादित नव-बिहार समाचार पत्र के विशेष अंक का विमोचन किया गया।
अपने उद्बोधन में स्वामी अनंताचार्य जी महाराज ने कहा कि जीवन एक रेल की तरह है, जो सुख-दुख और पाप-पुण्य की पटरी पर चलती है। इस रेल पर सवार होकर हमें गंतव्य तक जाने के लिए टिकट भी लेनी पड़ती है। यह टिकट सद्गुरु ही प्रदान करते हैं, तभी अपने गंतव्य तक पहुंचा जा सकता है। नहीं तो रास्ते में ही उसे उतरना पड़ता है। भजन सम्राट डा. हिमांशु मोहन मिश्रा दीपक जी, बलबीर सिंह बग्घा, माधवानंद ठाकुर ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए।
इसके पूर्व नवगछिया में शोभायात्रा निकाली गई। सुसज्जित रथ पर स्वामी अनंताचार्य विरजमान थे। सारथी के रूप में स्वामी आगमानंद पूरे कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे। लोगों ने दोनों संतों से आशीर्वाद लिया। योगपीठ में स्वयं आगमानंद जी महाराज ने अपने गुरुदेव स्वामी अनन्ताचार्य की पूजा की। चरण पादुका की पूजा हुई। स्वामी आगमानंद ने कहा कि गुरु की कृपा से ही सब कुछ पाया जा सकता है। उन्होंने खुशी जताई कि मुझे स्वामी अनंताचार्य जैसे संतों का सानिध्य मिला। आज मैं जो भी हूं उनकी कृपा, आशीर्वाद और शिक्षा से मिला है। गीतकार राजकुमार ने दोनों महान संतों पर अपनी रचना सुनाकर लोगों को आनंदित किया। गीतकार राजकुमार ने कहा- 'राज' हुये जो अवतरित , करने को प्रभु कार्य। हैं अनंत श्री से द्युतित, पूज्य 'अनंताचार्य।। पूज्य गुरुवर लिये अवतार, खिली डगरी-डगरी। संग आये लिये उजियार, खिली डगरी-डगरी।।