नव-बिहार न्यूज, नवगछिया। बिहार का भागलपुर जिले का नवगछिया दुनियां भर में गरुड़ों का बसेरा के लिए विख्यात है। गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा और माना जाता है। नवगछिया का कदवा दियारा और लोकमानपुर गरूड़ों का गांव बनता जा रहा है। अब यहां एक-एक पेड़ पर चार-पांच घोंसले बन गए हैं। उनमें आठ से 10 गरूड़ नजर आते हैं। पूरी दुनिया में करीब 1500 गरूड़ हैं। उनमें भागलपुर के नवगछिया में ही 800 हैं। गरूड़ पर कार्य करनेवाले शिक्षक जयनंदन ने बताया कि पहले भागलपुर में 700 गरूड़ थे। लेकिन अब इसकी संख्या 800 से ज्यादा हो चुकी है। मंदार नेचर क्लब के संरक्षक अरविंद मिश्रा ने बताया कि इस साल कदवा दियारा में 120 घोंसले बने हैं। हर घाँसले में सामान्य तौर पर दो चूजे जरूर रहते हैं।