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सैदपुर दुर्गा मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा हुई संपन्न

सैदपुर दुर्गा मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा हुई संपन्न
नव-बिहार समाचार, नवगछिया (भागलपुर)। अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत सैदपुर दुर्गा मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा शनिवार को संपन्न हो गई। यहां आयोजित श्रीमद्भागवत कथा पूर्वजों को समर्पित थी। सातों दिन तक उत्तरतोताद्रि मठ विभीषणकुंड अयोध्या के उत्तराधिकारी एवं श्रीशिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज से कथा श्रवण करने हजारों लोग यहां पहुंचते रहे। कथा के अंतिम दिन को यहां काफी भीड़ लग गई। मंदिर के प्रशाल में मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने सुबह लोगों ने सामुहिक रूप से पाठ किया। 
स्वामी आगमानंद जी ने सुदामा और कृष्ण के मार्मिक प्रसंगों की चर्चा की। "अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो" गीत पर सभी भक्त झूम उठे। स्वामी आगमानंद जी ने कहा कि सुदमा और कृष्ण ने मित्रता का अद्भुत मिशाल पेश किया है। भागवत कथा का यह सबसे सुंदर और अनुकरणीय प्रसंग है। कथा के दौरान सभी रोमांचित हो उठे। सभी की आंखों नम हो गई। भक्त सुदामा गरीब होकर भी अपने दोस्त कृष्ण से कुछ मांगने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे, तो कृष्ण ने बड़े आदर और सम्मन के साथ सुदामा के लाए पोटली को खोलकर चना-चबेना ग्रहण किया। रुक्मिणी इस दृश्य को देखकर आश्चयर्यचकित हो गईं। 
अंतिम दिन कथा के दौरान उन्होंने सनातन संस्कृति और भारत की चर्चा की। सनातन धर्म को उन्होंने विश्व के कल्याण के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि मानव कर्तव्य है ईश्वर के प्रति भक्ति और दूसरों की सेवा करना। देश के लिए उनका जीवन समर्पित हो। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान गीता, गंगा, गौ, गोविन्द और गायत्री से है। इसकी रक्षा करें। कृषि और ऋषि भारतीय संस्कृति के तत्व हैं। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद सभी ने स्वामी आममानंद जी से आशीर्वाद लिया।