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भागलपुर में गोपाल सिंह नेपाली की प्रतिमा नहीं होना दुखद है- गौतम कुमार प्रीतम

भागलपुर में गोपाल सिंह नेपाली की प्रतिमा नहीं होना दुखद है- गौतम कुमार प्रीतम 
नव-बिहार समाचार, बिहपुर (नवगछिया)। कविता- कानन साहित्य कला मंच की ओर से नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत बिहपुर प्रखंड के विक्रमपुर गांव स्थित एक कोचिंग सेंटर के प्रांगण में कवि गोपाल सिंह नेपाली का जन्मदिवस मनाया गया। जन्म दिवस के अवसर पर काव्यगोष्ठी का आयोजन समाजसेवी गौतम कुमार प्रीतम की अध्यक्षता में किया गया गया। मंच संचालन कवि सोनू कुमार के द्वारा किया गया। गोपाल सिंह नेपाली की चर्चित रचना की पंक्तियों "तुझ-सा लहरों में बह लेता तो मैं भी सत्ता गह लेता, ईमान बेचता चलता तो मैं भी महलों में रह लेता" को बच्चों के द्वारा गाकर प्रस्तुत किया गया। वहीं कवि मनोह कुमार माही की रचना भारत देश महान है एवं समय के मोल की काफी सराहना हुई। कवि विनय दर्शन ने कैसे सुधरी हो कैसे सुधरी पर तालियां बटोरी। कवि सोनू कुमार एवं धनंजय कुमार ने भी काव्यपाठ किया। अध्यक्षता कर रहे गौतम कुमार प्रीतम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा इस प्रकार का आयोजन समाज में नई दिशा देने का कार्य करता है। साथ ही कहा कि गोपाल सिंह नेपाली की प्रतिमा भागलपुर में नहीं होना बहुत ही दुखद है।