रूद्र सभी देवताओं की आत्मा में उपस्थित हैं - स्वामी आगमानंद महाराज
नव-बिहार समाचार, नवगछिया। रुद्रहृदयोपनिषद में बताया गया है कि, 'सर्वदेवात्मको रुद: सर्वे देवा: शिवात्मका'. इसका अर्थ है कि रुद्र सभी देवताओं की आत्मा में उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा में। यही कारण है कि रुद्राभिषेक करने से इसका शीघ्र फल प्राप्त होता है और तमाम परेशानियों से लेकर ग्रह दोष भी दूर होते हैं। ये बातें शिव महापुराण कथा के मंच का उद्घाटन करने के दौरान परमहंस स्वामी आगमानंद महाराज जी ने कही। वे बुधवार को स्थानीय बाजार में हड़िया पट्टी स्थित बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी में एकादश अभिषेकात्मक महारूद्र यज्ञ के उद्घाटन समारोह में शामिल थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह जो अभिषेक काशी विश्वनाथ में होता है। वहीं इतने शिवलिंगों पर एक साथ अभिषेक का होना अपने आप में अदभूत है। इसलिए श्रद्धालुओं को इस अभिषेक का लाभ लेना चाहिए।
बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी में एकादश अभिषेकात्मक महारूद्र यज्ञ के दूसरे दिन में महंत सिया वल्लभ शरण जी महाराज, परमहंस स्वामी आगमानंद महाराज जी व महंत नवल किशोर दास जी ने प्रथम अभिषेक कर यज्ञ का शुभारंभ किया। वहीं दूसरी तरफ शिव महापुराण कथा मंच का भी उदघाटन परम पूज्य स्वामी आगमानंद जी महाराज, स्थानीय महंत परम पूज्य सिया वल्लभ शरण महाराज, बिहपुर ठाकुरबाड़ी के महंत नवल किशोर दास जी एवं देवघर से आए हुए श्री राम कथा के कथावाचक महेंद्र पांडे ने संयुक्त रूप से किया। सभी महंत व विद्वानों का स्वागत माल्यार्पण, अंगवस्त्र व मिथिला पाग से शिव महापुराण के मुख्य यजमान मिलन सागर, यज्ञ समिति के अध्यक्ष त्रिपुरारी कुमार भारती, सचिव प्रवीण भगत, आचार्य प्रभात झा, संतोष यादुका एवं डॉ० श्रवण जी शास्त्री ने किया। मौके पर मंच व्यवस्था प्रमुख अजीत कुमार, मीडिया प्रभारी विश्वास झा, वैदिकाचार्य पंडित ललित झा, भवेश कुमार, रूपेश कुमार, कृष्ण कुमार भगत, विभाष कुवर, कन्हैया कुमार, आनंद कुमार झा सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। बुधवार को संध्या अभिषेक में यजमान के रूप में पंकज चौधरी ने सपरिवार सहित भाग लिया।