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बिहार आ रहे बागेश्वर धाम के बाबा पर सियासी बवाल? 13 मई को आ रहे हैं पटना धीरेंद्र शास्त्री

बिहार आ रहे बागेश्वर धाम के बाबा पर सियासी बवाल? 13 मई को आ रहे हैं पटना धीरेंद्र शास्त्री
नव-बिहार समाचार, पटना। बागेश्वर धाम के प्रमुख बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 13 मई को पटना में होने वाली हनुमत कथा को लेकर एक ओर जहां तैयारियां शुरु हो गई हैं। वहीं दूसरी ओर सियासी हलकों में राजनीति का बवाल भी उतनी ही तेज नजर आने लगा है। 
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एक वीडियो क्लिपिंग में कहा है कि - 'बिहार आ रहे हैं हम। 13 मई से पटना आ रहे हैं। आज ही चर्चा हो रही थी। बिहार तो न, का बात बा हो ? रऊआ सब ठीक बानी न? जुग-जुग जिअ; अमर होई जा।' दूसरी तरफ सिविल डिफेंस के डीजी अरविंद पांडेय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कहा- 'बिहार में कुछ लोग अपने को प्रसिद्ध बनाने के लिए बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ कुचक्र रच रहे हैं। ऐसे में बिहार में बाबा की प्रसिद्धि 100 गुना अधिक हो जाएगी।
बिहार आने के इस मामले में राजद और भाजपा के बीच कुछ ज्यादा ही मामला गर्म लग रहा है। इसे लेकर जहां राजद ने स्पष्ट किया है कि धर्म को टुकड़ों में बांटने की कोशिश करने वालों को बिहार की जमीन पर करारा जवाब मिलेगा। वहीं भाजपा ने पलटवार किया कि संतों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध की कोशिश हुई तो ऐसा करने वालों का मुंह काला किया जाएगा।
आडवाणी भी जेल गए थे और भी लोग जाएंगे
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि 'प्रजातंत्र है, किसी के कहीं आने-जाने से कोई रोक नहीं है। लेकिन अगर वे (धीरेंद्र शास्त्री) गंदा काम करने आएंगे, तो बिहार इजाजत नहीं देगा। नफरत पैदा करने आए तो आडवाणी भी जेल गए थे और भी लोग जाएंगे।' 
तेजप्रताप यादव ने कहा है कि 'शायद बाबा भूल गए हैं कि बिहार में सरकार किसकी है? मेरी पूरी सेना तैयार है। मेरी ताकत भी देख लेंगे।' 
जदयू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि 'बिहार में कोई सांप्रदायिक नफरत फैलाएगा तो इसे न जनता मंजूर करेगी, न ही कानून मंजूर करेगा।'
हिंदू-मुस्लिम पर सरकार का दोहरा रवैया क्यों?
पलटवार करते हुए भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि 'मुस्लिम धर्म के प्रचार या कार्यक्रम के लिए पटना का गांधी मैदान एलॉट हो जाता है। लेकिन हिंदुओं के धर्मगुरू बागेश्वर महाराज को यह नहीं दिया जाता है। हम सरकार के इस दोहरे रवैये का विरोध करते हैं। लेकिन उनका कथा, प्रवचन होगा। किसी की हिम्मत नहीं है कि कोई उनको पटना की धरती पर उतरने से रोक ले।'
एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि जो संतों का अपमान करेगा, उसका अंत तो निश्चित है। यह 21 वीं सदी का भारत है। ऐसे लोगों के मुंह पर कालिख लगाई जाएगी। नितिन नवीन का कहना था कि सरकार में हिम्मत है तो कार्रवाई करके देखे। ईंट का जवाब पत्थर से मिलेगा।'