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शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती, छात्रों की लाइन में खड़े 74 साल के बुजुर्ग ने ली एमए की डिग्री

शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती, छात्रों की लाइन में खड़े 74 साल के बुजुर्ग ने ली एमए की डिग्री
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। स्थानीय तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति, कुलपति और मंत्री द्वारा छात्रों को मेडल और डिग्री देते समय ही उनके सामने 74 वर्ष के बुजुर्ग अपने गले में मेडल पहनने के लिए सामने आ गये। इनको देख महामहिम कुलाधिपति भी हैरान हो गये। मेडल देने से पहले उन्होंने बुजुर्ग से पूछा क्या आप इस विश्वविद्यालय के छात्र हैं? जवाब में उन्होंने कहा जी हम छात्र हैं और अंगिका विभाग से गोल्ड मेडल के हकदार हैं। यह बात सुन महामहिम भी खुश हो गये और उनको मेडल पहना कर कहा आप ने उदाहरण पेश किया है। आप ने यहां साबित कर दिया कि शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती है।

मैट्रिक 1964 में पास किया और 2004 में पीएचडी: सुल्तानगंज कटहरा के ब्रह्मदेव नारायण 74 वर्ष की उम्र में भी पढ़ाई कर रहे हैं। ब्रह्मदेव नारायण ने कहा कि मैंने 1965 में हायर सेकेंडरी परीक्षा पास किया था। 1966 में टीएनबी कॉलेज से इंटर, 1969 में बीए पास करने में सफल हुआ। इसके बाद 1971 में टीएनबी कॉलेज से एमएससी के बाद 1974 में बीएड और फिर 1994 में एमएड परीक्षा पास किया। वर्ष 2002 में शिक्षा विषय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद 2017-19 में अंगिका से एमए किया। 1976 में हाई स्कूल कटहरा सुल्तानगंज में विज्ञान के शिक्षक के रूप में तैनाती हुई 2009 में स्कूल से सेवानिवृत हो गया।