आज के नौजवान ही दहेज का धनुष तोड़ सकते हैं- हीरामणि
नव-बिहार समाचार, नवगछिया (भागलपुर)। इन दिनों स्थानीय घाट ठाकुरबाड़ी परिसर में चल रहे श्री रामचरितमानस नवाह पारायण यज्ञ एवं श्री राम कथा की अमृत वर्षा में बनारस से आई मानस कोकिला हीरामणि देवी ने प्रवचन देते हुए मित्र के बारे में कहा कि सच्चा मित्र वही होता है जो अपने मित्र को पाप के मार्ग से बचा के सच्चे मार्ग में लगाए, विपत्ति आने पर मित्र का साथ दे।



महिलाओं और पुरुषों को संबोधित करते हुए कहा कि बेटी दो कुलो को तारने वाली होती है। हमें बेटी को इतना गुण अवश्य देना चाहिए कि बेटी दोनों कुल का नाम रोशन करें। धर्मवान परिवार मे अपनी बेटी की शादी करनी चाहिए, ना कि धनवान में। अपने शक्ति के अनुसार बेटी का विवाह करना चाहिए, कभी भी दिखावटी में विवाह नहीं करना चाहिए।


युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के नौजवान ही दहेज का धनुष तोड़ सकते हैं। बेटे के बाप को भी कभी बेटी का बाप बन कर सोचना चाहिए। दहेज बुरा नहीं है, दहेज मांगना बुरा है। बिना मांगे जो मिले उसे लेने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मांगना बुरा है।
महिलाओं को बताया कि सास ससुर की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। पति को खुश रखना है तो सास ससुर की सेवा करनी चाहिए। अपने माता पिता की तरह सास ससुर की सेवा करनी चाहिए। घर में सूर्योदय के पहले अपने से झाड़ू लगाना चाहिए।

घर में सीता जैसी बहू चाहिए तो बेटी को अच्छे संस्कार दें। तभी हम सीता जैसी बहू ला सकेंगे। हम तो रामजी के, रामजी हमारे हैं, राम नाम जग में बड़ा अनमोल सीताराम सीताराम बोल आदि भजनों पर श्रोतागण खूब झूमे।

वहीं मीडिया प्रभारी अशोक केडिया ने बताया कि प्रवचन का कार्यक्रम 29 मार्च तक चलेगा। 30 मार्च को हवन का कार्यक्रम होगा। राम कथा की अमृत वर्षा के चौथे दिन श्रोताओं से पूरा पंडाल भरा हुआ था। पंडाल में श्रोताओं के लिए बैठने की बहुत अच्छी व्यवस्था कमेटी द्वारा की गई। इस प्रवचन कार्यक्रम में शहर के श्रोतागणों के अलावा आसपास इलाके के श्रोतागण भी काफी संख्या में लाभ उठा रहे हैं।

इस आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष दिनेश कुमार सर्राफ, उपाध्यक्ष बनवारी लाल पंसारी, सचिव शिव नारायण जयसवाल, कोषाध्यक्ष श्रवण केडिया, मुख्य यजमान विनीत खेमका, मीडिया प्रभारी अशोक केडिया, विशाल चिरानिया, विनीत चिरानिया, अनिल चिरानिया, संतोष भगत, अनिल भगत, कैलाश अग्रवाल, किशन चिरानिया, किशन यादुका, अवधेश गुप्ता, रोहित मावंडिया, रवि चिरानिया, दयाराम चौधरी, संतोष यादुका, शंकर लाल चिरानिया, अरूण यादुका, श्रीधर शर्मा आदि लगे हुए हैं।