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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भागलपुर आगमन को लेकर नवगछिया में सुरक्षा व्यवस्था हुई मजबूत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भागलपुर आगमन को लेकर नवगछिया में सुरक्षा व्यवस्था हुई मजबूत
राजेश कानोडिया, नवगछिया (भागलपुर)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक यानि राष्ट्रीय नायक मोहन भागवत दस फरवरी को भागलपुर के कुप्पा घाट स्थित संत महर्षि मेंहीं आश्रम में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नवगछिया के रास्ते भागलपुर जाने वाले हैं। इसी बीच मोहन भागवत को लेकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ, चरमपंथी और नक्सली संगठनों ने धमकी दी है। जिसके बाद पुलिस प्रशासन काफी अलर्ट हो गया है।
भागलपुर पुलिस-प्रशासन संघ प्रमुख के आगमन को लेकर पहले से ही सतर्क है। एसएसपी आनंद कुमार और एसडीओ सदर धनंजय कुमार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्थल महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के कुप्पा घाट आश्रम के संचालन मंडल अखिल भारतीय संतमत महासभा के पदाधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। संघ प्रमुख के आश्रम आने और उनके कार्यक्रम से जुड़े पहलुओं पर दोनों पदाधिकारियों ने बातचीत की है। वहीं मोहन भागवत के भागलपुर आने का कार्यक्रम नवगछिया के रास्ते तय हुआ है। जहां वे दस फरवरी की सुबह 8:24 बजे राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से नवगछिया स्टेशन पर उतरेंगे। जहां से सड़क मार्ग से भागलपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। 
आरएसएस प्रमुख के नवगछिया स्टेशन पर उतरने को लेकर भागलपुर पुलिस प्रशासन के साथ साथ नवगछिया पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। जिसे लेकर8 फरवरी को नवगछिया एसडीओ उत्तम कुमार और एसडीपीओ दिलीप कुमार ने नवगछिया स्टेशन सहित जाने के मार्ग का पूरा जायजा लिया। साथ ही निगरानी का पूरा खाका तैयार किया। इसके बाद 9 फरवरी को नवगछिया से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लेजाने के लिए भागलपुर से ही पूरा कारकेट मॉक ड्रिल करते हुए शाम को नवगछिया पहुंचा। जिसमें भागलपुर के कई पुलिस पदाधिकारी के साथ साथ जेड प्लस सुरक्षा के अधिकारियों के साथ सुरक्षा कर्मी, वार्निंग वाहन, पायलट वाहन, बूलेट प्रूफ वाहन, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड सभी ने रास्तों के जायजा भी लिया। जहां नवगछिया स्टेशन पर नवगछिया एसडीपीओ दिलीप कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर मृणाल कुमार, जीआरपी थानाध्यक्ष प्रमोद प्रसाद सिंह, स्टेशन अधीक्षक एनके तिवारी के साथ सुरक्षा मंत्रणा करते हुए आवश्यक निर्देश दिया गया।

बताते चलें कि मोहन भागवत के आगमन और आतंकी खतरे की संभावना को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों की टीम बीते तीन दिनों से शहर में भ्रमणशील होकर सुरक्षा-व्यवस्था और आसपास की गतिविधियों पर नजर रख रही है। नेपाल सीमा से नजदीक होने के कारण सुरक्षा एजेंसियां सीमांचल के अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार के अलावा नवगछिया, भागलपुर, बांका में होने वाली गतिविधियों पर भी नजर रख रही हैं।

भागलपुर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। एसएसपी आनंद कुमार पुलिस टीम के साथ बरारी थानाक्षेत्र के मायागंज स्थित महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज के कुप्पा घाट आश्रम में होने वाले आगमन को लेकर परिसर का मुआयना किया। सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर पुलिस पदाधिकारियों से मंत्रणा भी की है। दस फरवरी को लगभग चार घंटे के भागलपुर प्रवास के दौरान उनके आवाजाही वाले मार्ग और आसपास के इलाके के अलावा गंगा नदी क्षेत्र में पुलिस की गश्त रहेगी। एसडीएम धनंजय कुमार लगातार आश्रम के संपर्क में हैं। महर्षि मेंही आश्रम कुप्पाघाट में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत गुरुनिवास का अनावरण करेंगे। उनके आने को लेकर आश्रम केंद्रीय सुरक्षा के घेरे में है। चारों ओर से अंदर में केंद्रीय सुरक्षा बल की सुरक्षा तैनात है। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने भी एक हजार जवानों के साथ सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की है।

गंगा की ओर से पानी में भी वोट के माध्यम से सुरक्षा की चलंत व्यवस्था की गई है। इसमें एसडीआरएफ की टीम भी शामिल रहेगी। गेट पर ही संपूर्ण जांच के बाद ही आश्रम में प्रवेश मिलेगा। पुलिस के अलावा स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने भी सुरक्षा की कमान संभाल रखी है। आश्रम में रहने वाले साधु-संत और कार्यकर्ताओं से भी केंद्र से आइ सुरक्षा फोर्स पूछताछ कर तहकीकात कर रही है। टेंट, पानी आदि में काम करने वाले लगे लोगों को आश्रम की ओर से पहचान पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया है। उधर, पत्रकार से लेकर आने-जाने वाले सभी लोगों को पास दिया जाएगा। अधिकृत लोग ही प्रवेश हो सकेंगे।

कार्यक्रम के संयोयक पंकज बाबा ने कहा कि सतसंगियों के लिए सत्संग प्रशाल में आकर बैठने की इजाजत होगी। सत्संग प्रशाल के बाद प्रवेश वर्जित होगा। वहीं महासभा के महामंत्री दिव्यप्रकाश ने बताया कि बुधवार की देर रात तक बाबा रामदेव का प्रोग्राम कंफर्म नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि ऐसा भव्य कार्यक्रम अब तक यहां नहीं हुआ है। आरएसएस प्रमुख के आने से देश भक्ति, सनातन धर्म और अध्यात्म का दुर्लभ संयोग लगने वाला है। तैयारी अंतिम चरण में है।