ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

स्वामी आगमानंद ने किया "डॉ छेदी साह- नवगछिया के नागार्जुन" स्मृति ग्रंथ का लोकार्पण

स्वामी आगमानंद ने किया "डॉ छेदी साह- नवगछिया के नागार्जुन" स्मृति ग्रंथ का लोकार्पण 
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। छेदी साह स्मृति मंच नवगछिया के तत्वावधान में रविवार को बरारी स्थित ज्योति विहार कॉलोनी (जीरो माइल) में "डॉ छेदी साह नवगछिया के नागार्जुन" नामक स्मृति ग्रंथ का समारोह पूर्वक लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत श्रीशिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज, भागलपुर नगर निगम की महापौर डॉ वसुंधरा लाल, प्रो डॉ नृपेंद्र प्रसाद वर्मा, कुलगीतकार प्रो आमोद झा, प्रो अशोक ठाकुर, प्रो डॉ मधुसूदन झा, कमलाकांत कोकिल ,राजीव नयन एवं आगंतुक अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। वही आगंतुक अतिथियों का स्वागत कमलाकांत कोकिल ने अंग वस्त्र एवं फूल माला से किया। तत्पश्चात डॉ छेदी साह के तैलिय चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। इसके बाद आगंतुक अतिथियों द्वारा नवगछिया के नागार्जुन पुस्तक का लोकार्पण किया गया। मौके पर सभी आगंतुक कविवर एवं वक्ताओं ने डॉ छेदी साह के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए अपने अपने वक्तव्य दिया और कविता पाठ भी किया। जहां कार्यक्रम का संचालन कविवर राजकुमार कर रहे थे।
इस मौके पर समारोह के उद्घाटन कर्ता श्रीशिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने डॉ छेदी साह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोग विरासत में अपने बच्चों के लिए जमीन, जगह, मकान, बिजनेस, दुकान आदि छोड़ जाते हैं। जो क्षणभंगुर है। समय के साथ वह समाप्त हो जाता है। लेकिन नवगछिया के छेदी साह एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने पुत्र को साहित्यिक विरासत दी है। जो कि कभी भी नष्ट नहीं होती है, और वह दूसरों को भी लाभ पहुंचाता है। साहित्य घर व परिवार और समाज में संस्कार देता है। वही डॉ छेदी साह के पुत्र कमलाकांत ने कहा कि पिताजी की कविताएं नागार्जुन से मिलती जुलती थी। इसलिए उन्हें नवगछिया के नागार्जुन की उपाधि मिली थी। मौके पर काफी संख्या में शिक्षाविद् समाजसेवी एवं अन्य लोग मौजूद थे।